Neha Rathore News: 'यूपी में का बा' गाने से फेसम हुईं यूट्यूबर और सिंगर नेहा राठौर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहलगाम हमले पर कथित विवादित पोस्ट को लेकर नेहा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं.
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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: 'यूपी में का बा' गाने से फेसम हुईं यूट्यूबर और सिंगर नेहा राठौर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पहलगाम हमले पर कथित विवादित पोस्ट को लेकर नेहा एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं. पहलगाम हमले को लेकर नेहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था. इसे लेकर उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया था. उनका वीडियो पाकिस्तान में खूब वायरल हो रहा है. जिसके बाद से नेहा राठौर के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हुई हैं. अब कानपुर देहात में अखिल भारतीय सनातन संघर्ष समिति के अध्यक्ष आदित्य शुक्ला के नेतृत्व में नेहा राठौर सहित पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की मांग की गई है. समिति ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
पहलगाम आतंकी हमले पर विवादित टिप्पणी
कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद पूरे देश में शोक और गुस्सा है. हर तरफ से आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है. ऐसे संवेदनशील समय में नेहा राठौर समेत पांच लोगों द्वारा कथित तौर पर देश विरोधी संदेश और वीडियो पोस्ट किए गए, जिससे विवाद खड़ा हो गया. अखिल भारतीय सनातन संघर्ष समिति के अध्यक्ष आदित्य शुक्ला ने इस मामले में नेहा का विरोध करते हुए पुलिस अधीक्षक से मिलकर इन सभी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.
विदेशी फंडिंग और पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप
पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत में आदित्य शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नेहा राठौर, सूर्य रमजवादी, प्रियंका देशमुख, माद्री काकोटी और ध्रुव राठी जैसे लोग विदेशी फंडिंग के लिए देश में रहकर पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. आदित्य शुक्ला ने इन सभी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में कोई भी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की हिम्मत न कर सके.
रासुका के तहत कार्रवाई की मांग
अखिल भारतीय सनातन संघर्ष समिति ने पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत में मांग की है कि इन सभी पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए. समिति का मानना है कि इन लोगों की हरकतें देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं और इसलिए इनके खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाना जरूरी है.