वैशाली स्टेशन को नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से जोड़ा तो दिल्ली-नोएडा मेट्रो से सीधे पहुंचेंगे मेरठ, लखनऊ में उठी 14 साल पुरानी मांग
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वैशाली स्टेशन को नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से जोड़ा तो दिल्ली-नोएडा मेट्रो से सीधे पहुंचेंगे मेरठ, लखनऊ में उठी 14 साल पुरानी मांग

Noida Ghazaiabad Metro: गाजियाबाद के वैशाली मेट्रो स्टेशन का काम 2011 में ही शुरू हो गया था लेकिन 14 साल बाद भी इसे नोएडा इलेक्ट्रोनिक सिटी स्टेशन से जोड़ा नहीं जा सकेगा. यही मांग एमएलसी दिनेश शर्मा ने ने एक बार फिर लखनऊ में उठाई और कहा कि इसे जल्द पूरा किया जाए ताकि इसके पूरा होने से रैपिड रेल के जरिये सीधे मेरठ तक पहुंचने का रास्ता साफ हो सके. 

वैशाली स्टेशन को नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से जोड़ा तो दिल्ली-नोएडा मेट्रो से सीधे पहुंचेंगे मेरठ, लखनऊ में उठी 14 साल पुरानी मांग

Noida Ghazaiabad Metro Updates: गाजियाबाद से नोएडा और दिल्ली जाने वाले यात्रियों की मेट्रो कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की मांग एक बार फिर लखनऊ में उठी. एमएलसी दिनेश गोयल ने विधान परिषद में वैशाली मेट्रो को नोएडा से जोड़ने और रैपिड रेल (नमो भारत ट्रेन) को मेट्रो नेटवर्क से लिंक करने का मुद्दा जोर-शोर से रखा.

स्थानीय निवासियों की लंबे समय से मांग रही है कि वैशाली से नोएडा को सीधे मेट्रो से जोड़ा जाए, ताकि रोजाना सफर करने वाले हजारों यात्रियों को राहत मिले.  दिनेश गोयल ने सदन में बताया कि वैशाली मेट्रो स्टेशन का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था, जबकि मोहन नगर और नोएडा 62 मेट्रो स्टेशन पर काम 2019 में शुरू हुआ. लेकिन छह साल बीतने के बावजूद इन स्टेशनों को जोड़ने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.  

इसका सीधा असर गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों पर पड़ रहा है. अभी गाजियाबाद से दिल्ली और नोएडा 62 या ग्रेटर नोएडा जाने के लिए यात्रियों को कई बार मेट्रो बदलनी पड़ती है, जिससे समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है. नमो भारत ट्रेन का रूट सराय काले खां से मेरठ तक है, जबकि मेट्रो का अलग नेटवर्क है. अगर वैशाली स्टेशन को नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से जोड़ा जाता है तो दिल्ली-नोएडा मेट्रो से सीधे मेट्रो और रैपिड रेल की पूरी इंटर कनेक्टिविटी हो जाएगी, यात्रियों को कहीं उतरकर बाहर जाना नहीं पड़ेगा और सफर काफी आसान हो जाएगा.  

इसके साथ ही, दिनेश गोयल ने राजस्व मामलों की सुस्त कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कई जिलों में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल फाइलें लटकाए रखते हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि, शासन की सक्रियता से ऐसे मामलों में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन इसे और तेज करने की जरूरत है.

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