फर्रुखाबाद की ग्राम पंचायतों में करोड़ों का घोटाला, विधानसभा में उठे मुद्दे के बाद जागा प्रशासन
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2727594

फर्रुखाबाद की ग्राम पंचायतों में करोड़ों का घोटाला, विधानसभा में उठे मुद्दे के बाद जागा प्रशासन

Farrukhabad Latest News: फर्रुखाबाद के 23  ग्राम पंचायतों में  1.19 करोड़ का घोटाले का मामला सामने आया है.  आपको बता दें कि सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि जांच टीम को भी कोई खर्च संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए. अधिकारियों का कहना है कि पैसा खर्च हो चुका है, पर किसी के पास कोई साक्ष्य नहीं है.

 

Farrukhabad scam in 23 gram panchayats
Farrukhabad scam in 23 gram panchayats

Farrukhabad Hindi News/अरुण सिंह: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में 23 ग्राम पंचायतों में 1 करोड़ 19 लाख रुपये के घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. यह मामला विधानसभा में उठाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और जांच शुरू की गई. खुलासा हुआ कि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद विकास कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारियों और प्रशासकों को सौंपी गई थी, जिन्होंने वर्ष 2019-20 में उक्त राशि खर्च कर दी, लेकिन खर्च का कोई सटीक हिसाब-किताब प्रस्तुत नहीं किया गया.

बिल-बाउचर तक नहीं पेश कर सके अधिकारी
राजेपुर, कायमगंज, कमालगंज, नवाबगंज, मोहम्मदाबाद और बढ़पुर ब्लॉकों में किए गए विकास कार्यों के नाम पर 1.19 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जांच में यह सामने आया कि ग्राम पंचायत अधिकारियों ने न तो बिल-बाउचर लगाए, न ही किसी प्रकार का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया. जब नोटिस भेजे गए, तब भी किसी अधिकारी ने खर्च का विवरण नहीं दिया.

सीडीओ अरविन्द कुमार मिश्र ने बताया कि जांच टीम का गठन कर 23 ग्राम पंचायतों की जांच कराई गई. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि जांच टीम को भी कोई खर्च संबंधी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए गए. अधिकारियों का कहना है कि पैसा खर्च हो चुका है, पर किसी के पास कोई साक्ष्य नहीं है.

पुराने घोटालों की जांच पर भी उठे सवाल
2021 के पंचायत चुनाव के दौरान प्रशासकों द्वारा खर्च की गई 5.15 करोड़ की राशि पर भी एक बार फिर सवाल उठे हैं. पहले की गई जांच में प्रशासकों को क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन अब उसी जांच प्रक्रिया पर भी संदेह जताया जा रहा है.

पुनः स्थलीय सत्यापन के आदेश
सीडीओ ने परीक्षण समिति की रिपोर्ट के आधार पर सभी संबंधित अधिकारियों को पुनः स्थलीय जांच के निर्देश दिए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कई मामलों में केवल बिल-बाउचर के आधार पर कार्यों की पुष्टि कर दी गई थी, न तो स्थल निरीक्षण किया गया, न ही स्थानीय लोगों से जानकारी ली गई. नई रिपोर्ट 20 अप्रैल तक मांगी गई है.

ब्लॉकवार गड़बड़ियों का खुलासा
बढ़पुर: हैंडपंप मरम्मत, स्टेशनरी और शौचालय निर्माण के खर्च अस्पष्ट
कायमगंज: एक ही विद्यालय में रंगाई-पुताई पर लाखों रुपये खर्च दर्शाए गए
कमालगंज: मात्र 20 दिनों में 17 लाख खर्च, शासनादेश का अभाव
मोहम्मदाबाद व नवाबगंज: जल आपूर्ति व प्रशासनिक मद में अत्यधिक भुगतान
राजेपुर: पंचायत भवन पर खर्च का कोई प्रमाण नहीं
शमसाबाद: सत्यापन के लिए आवश्यक अभिलेख ही नहीं मिले

चार सदस्यीय समिति की सख्त टिप्पणी
जिला पंचायत राज अधिकारी, डीआरडीए परियोजना निदेशक, जिला विकास अधिकारी और मनरेगा के उपयुक्त अधिकारी की समिति ने अपनी रिपोर्ट में भारी अनियमितताओं की बात कही है.इसके बाद सीडीओ ने पुनः जांच के आदेश जारी किए.अब पीडब्ल्यूडी, नलकूप, सिंचाई जैसे तकनीकी विभागों के इंजीनियर भी सत्यापन में शामिल होंगे. 

निगाहें 20 अप्रैल की रिपोर्ट पर
अब सबकी निगाहें 20 अप्रैल को आने वाली जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं.यदि अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि जवाबदेही तय करने का बड़ा मामला बन सकता है. 

और पढे़ं:   

70 दिन में बिछड़ गए सात जन्मों के साथी, आतंकियों ने पत्नी के सामने मारी शुभम को गोली, बोले - 'कलमा पढ़ो तो छोड़ देंगे.'

क्रिकेटर पर गाली गलौज, मारपीट और कई लड़क‍ियों से बात करने का आरोप, मॉडल पत्‍नी ने ठोका केस

TAGS

Trending news

;