Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने श्रावस्ती के मदरसों के ध्वस्तीकरण पर फौरी तौर पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया है.
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Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आदेश दिया कि राज्य सरकार श्रावस्ती जिले के 2 दर्जन से अधिक मदरसों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार को आगाह किया कि वह कोर्ट का रुख करने वाले किसी भी मदरसे को ध्वस्त नहीं करेगी. अगली सुनवाई तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया गया है. 3 जुलाई को हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होगी.
दो दर्जन से ज्यादा मदरसों को राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के इस आदेश के बाद श्रावस्ती के मदरसा मोइनुल इस्लाम कासमिया समेत दो दर्जन से अधिक मदरसों को राहत मिली है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जबाव मांगा है. मदरसा कमेटी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. ध्वस्तीकरण को अवैध कार्रवाई बताते हुए रोक लगाए जाने की मांग की थी. जस्टिस जसप्रीत सिंह की सिंगल बेंच मामले में सुनवाई कर रही है.
सभी मदरसे श्रावस्ती में...
यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने मदरसा मोइनुल इस्लाम कस्मिया समेत दो दर्जन से अधिक मदरसों की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है.। ये सभी मदरसे श्रावस्ती जिले में हैं. जज ने आदेश में कहा, ‘यह अब समान रूप से स्थापित हो चुका है कि जहां भी ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया जाता है, उसे पर्याप्त विशिष्टता के साथ जारी किया जाना चाहिए ताकि नोटिस प्राप्तकर्ता विशिष्ट रूप से जवाब दे सके .