Meerut Nauchandi Mela: 500 साल से भी ज्यादा पुराना है मेरठ के नौचंदी मेले का इतिहास, जानें शुरुआत से लेकर बदलाव तक का सफर
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Meerut Nauchandi Mela: 500 साल से भी ज्यादा पुराना है मेरठ के नौचंदी मेले का इतिहास, जानें शुरुआत से लेकर बदलाव तक का सफर

Meerut Nauchandi Mela: मेरठ में लगने वाला ऐतिहासिक नौचंदी मेला अपने आप में एक विशेष पहचान रखता है. 500 से भी अधिक साल पुराना यह मेला सवा महीने तक चलता है. जिसमें देश-विदेश के लोग घूमने आते हैं. 

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Meerut Nauchandi Mela: उत्तर प्रदेश में सर्व धर्म के लोग रहते हैं. यहां पर कई संस्कृति का समागत होता है. यहां ऐसे बहुत से मेले लगते हैं पर आज हम आपको उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में लगने वाले ऐतिहासिक नौचंदी मेले के बारे में बताएंगे, जिससे जुड़े विभिन्न प्रकार के सवाल आपको यूपीएससी समेत कई प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं. आइए जानते हैं इसके इतिहास के बारे में...

मेले का इतिहास

गजट के अनुसार साल 1673 से मेरठ में मां चंडी देवी के नाम से ही ऐतिहासिक नौचंदी मेला लगता चला आ रहा है. मेले की परंपरा 500 साल से भी ज्यादा पुरानी बताई जाती है. बहुत पहले नवरात्रों के दौरान ये मेला लगता था और मेले की शुरुआत एक दिन के पशु मेले के साथ हुई थी. फिर ये मेला 3 दिन का हुआ. अब ये नौचंदी मेला सवा महीने तक यह चलता है. इस मेले की प्रसिद्धि इतनी है जिसमें देश-विदेश से लोग घूमने के लिए पहुंचते हैं. इसलिए, शासन द्वारा इस मेले को प्रांतीय मेला भी घोषित कर दिया गया है.

कब लगेगा नौचंदी मेला

इस बार 15 मई से मेला शुरू किया जाएगा.

कहाँ लगता हैं- मेरठ

लोकेशन- नौचंदी ग्राउंड, गढ़ रोड, मेरठ

मेले का अनोखा उदघाटन खास

ऐतिहासिक नौचंदी मेले के उद्घाटन की परंपरा भी अनोखी है. मेले का उद्घाटन सैकड़ों साल पुरानी परंपरा के अनुसार होता है. होली के बाद आने वाले दूसरे रविवार को किया जाता है. ऐसे में इस साल भी नौचंदी मेले का उद्घाटन 23 मार्च 2025 को कर दिया गया है. मेले में घूमने के लिए उद्घाटन के बाद भी मेला प्रेमियों को डेढ़ महीने तक इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि परंपरा निभाने के लिए खाली मैदान में ही उद्घाटन कर दिया जाता है. इस साल भी यही हालात हैं.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

भले ही मेरठ में अनेकों प्रकार की दंगे हुए हों, लेकिन नौचंदी मेले पर कभी भी इसका असर नहीं पड़ा. मेला परिसर में ही एक तरफ जहां मंदोदरी द्वारा स्थापित मां चंडी देवी मंदिर है. वहीं उसके सामने वाले मियां की मजार है. ऐसे में दोनों स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग शामिल होते हैं. रोज यहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं.

महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन
समय के साथ, नौचंदी मेला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन बन गया है, जिसमें देश-विदेश से लोग आते हैं। इस मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें, मनोरंजन के साधन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. नौचंदी मेले का महत्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक है, बल्कि यह मेरठ की समृद्ध विरासत और इतिहास को भी दर्शाता है.  यह मेला स्थानीय कला, शिल्प और व्यंजनों को भी प्रोत्साहित करता है, जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षक अनुभव प्रदान करता है.आजकल, नौचंदी मेला आधुनिकता और परंपरा का एक अनोखा संगम है, जहां प्राचीन रीति-रिवाजों के साथ-साथ आधुनिक मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हैं। यह मेला मेरठ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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