UP Politics: सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में कोर्ट से दो साल की सजा होने के बाद मऊ सदर सीट खाली हो गई है. इस सीट पर दावेदारी को लेकर सियासत गरमा गई है.
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UP Politics: अब्बास अंसारी को दो साल की सजा होने के बाद रिक्त हुई मऊ सदर सीट को लेकर सियासत शुरू हो गई. योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री व सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और बीजेपी में तनातनी दिख रही है. ओम प्रकाश राजभर ने मऊ सदर सीट पर अपना दावा ठोका है. तो एक दिन पहले ही मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मऊ सीट पर बीजेपी के जीतने का दावा कर दिया था.
2022 में सुभासपा ने जीत दर्ज की थी
ओम प्रकाश राजभर ने अब्बास अंसारी मामले में कहा कि पूर्व में मऊ सदर की सीट सुभासपा की रही है. साल 2017 में सुभासपा मऊ सदर में सेकंड रनर रही और 2022 में सुभासपा ने जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि अब्बास को एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा दी है. सुभासपा अपने सिंबल को बचाने के लिए उच्च कोर्ट तक जाएगी. अगर चुनाव लड़ने की संभावना बनती है तो सुभासपा अपने सिंबल पर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शीर्ष नेतृत्व से बात कर अपना उम्मीदवार बनाएगी.
बहराइचम में महाराजा सुहेलदेव के नाम पर शौर्य मेला लगेगा
ओपी राजभर ने कहा कि 10 जून को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव के नाम से शौर्य मेला लगेगा. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे. यह मेला हमारी संस्कृति, विरासत को समझने का माध्यम ही नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए अपने गौरवशाली अतीत को जानने का सुअवसर है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विशेष समुदाय के वोट के लिए महाराजा सुहेलदेव के नाम को इतिहास से हटाने का प्रयास किया. उनकी वीरगाथा को पुस्तकों से दूर रखा. समाजवादी पार्टी ने बहराइच में आक्रांता सालार मसूद के नाम पर मेला लगाया. इस भूमि पर सुहेलदेव के पराक्रम की स्मृति को क्यों भुला दिया? यह सवाल केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, विरासत और बच्चों के भविष्य से जुड़ा है.
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