पूरा फल खाएं या फ्रूट जूस पिएं? बड़ा कंफ्यूजन है भइया, डाइटीशियन से जानिए दोनों में क्या है बेहतर तरीका
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पूरा फल खाएं या फ्रूट जूस पिएं? बड़ा कंफ्यूजन है भइया, डाइटीशियन से जानिए दोनों में क्या है बेहतर तरीका

फलों का रस पीना आसान है, इसे तुरंत गटका जा सकता है, वहीं पूरे फल को खाने में थोड़ी मेहनत लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि फलों के सेवन का बेहतर तरीका क्या है.

पूरा फल खाएं या फ्रूट जूस पिएं? बड़ा कंफ्यूजन है भइया, डाइटीशियन से जानिए दोनों में क्या है बेहतर तरीका

Fruit Juice or Whole Fruit: फलों को कुदरत का नायाब तोहफा कहा जाए, तो शायद गलत नहीं होगा, लेकिन जब इसके सेवन की बात आती है, तो इस बात पर जरूर बहस होती है कि इनकों पूरा खाया जाए, या इसका जूस निकालकर पिया जाए. दोनों के अपने फायदे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही तरीका क्या है. इसको लेकर हमने डाइटीशियन आयुषी यादव (Ayushi Yadav) से बात की.
 

होल फ्रूट के फायदे
कोई भी पूरा फल नेचर का कंप्लीट पैकेज है. इनमें विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे अहम न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं, ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं और सटिसफेक्शन को बढ़ावा देते हैं. मिसाल के तौर पर, एक सेब में फाइबर होता है जो आंत की सेहत में मदद करता है और शुगर के एब्जॉर्ब्शन को स्लो करता है, जिससे आपका पेट लंबे वक्त तक भरा हुआ महसूस होता है.

पूरे फल खाने से माइंडफुल ईटिंग को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि चबाने में वक्त लगता है जिससे ब्रेन को ये सिग्नल जाता है कि अब पेट भर चुका है. जामुन, संतरे या केले जैसे फलों में अलग-अलग तरह की बनावट और स्वाद खाने के एक्सपीरिएंस को बेहतर करते हैं, साथ ही एंटीऑक्सिडेंट देते हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट करते हैं. हालांकि, तरबूज, कटहल समेत कई फल ऐसे होते हैं जिन्हें कई टुकड़ों काटना और छीलना जरूरी होता है, जो भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए आसान नहीं होता.
 

जूस पीने का सेहत पर असर
जब आप ताजे फलों का रस पीते हैं तो इसमें सबसे अच्छी बात ये होती है कि आपको पैक्ड जूस की तरह साथ में एडेड शुगर नहीं पीना पड़ता. ये एक क्विक तरीका है जिसके जरिए विटामिन सी जैसे न्यूट्रिएंट्स और हाइड्रेशन को जल्द हासिल किया जा सकता है. ये सुविधाजनक हैं क्योंकि इन्हें बोलत में आसानी से कैरी किया जा सकता है, जिन लोगों को चबाने में परेशानी होती है, उनके लिए भी ये आसानी पैदा करता है. हालांकि ताजे फलों के रस पीने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि नेचुरल शुगर का जल्द एब्जॉर्बशन हो सकता है, ऐसे में ब्लड शुगर स्पाइक होने का खतरा रहता है, जो खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए सही नहीं है. यानी आप जल्दबाजी और आसानी के चक्कर में ज्यादा कैलोरी इनटेक कर बैठते हैं.

दोनों में क्या है बेहतर?

आपके लिए पूरा फल और जूस में क्या बेहतर है ये इस बात पर डिपेंड करता है कि आपकी अभी की जरूरत क्या है. अगर आप ओवरऑल हेल्थ के लिहाज से देखते हैं तो होल फ्रूट का इनटेक करना बेहतर फैसला होगा, क्योंकि इससे आप फाइबर अच्छी मात्रा में खाएंगे और बाकी जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी मिलेंगे, साथ ही पोर्शन कंट्रोल भी हो पाएगा. वहीं अगर आपको फ्रूट जूस पीना है तो घर में ताजे फलों का रस निकालें और एक बार में एक छोटे ग्लास से ज्यादा न पिएं.

पैकेट वाले या ऐसे दुकान से जूस न पिएं जहां हाइजीन का ख्याल नहीं रखा जाता है, वरना फायदे के बजाए नुकसान उठाना पड़ सकता है. बेहतर है कि आप जूस को उस वक्त पिएं जब आप फाइबर रिच फूड्स खा रहे हों, इससे न्यूट्रिएंट बैलेंस में आसानी होगी. कई बीमारी जिसमें सॉलिड फूड निगलना मुश्किल हो जाता है, वहां फ्रेश फ्रूट जूस सेवियर का जरिया बन जाता है. फिर भी नॉर्मल कंडीशन में होल फ्रूट को ही गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाना चाहिए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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