Guess This Bollywood Top Actress: आज हम आरपो पुराने जमाने की उस मशहूर एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ अपने अभिनय के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए भी जानी जाती थी. वे भारत की पहली महिला थीं जिनके पास खुद की रोल्स-रॉयस कार थी. 11 साल की उम्र में एक्टिंग शुरू की और कई हिट फिल्मों में काम किया. वे अपने दौर की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थीं, जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई.
बॉलीवुड की दुनिया में जब बात लग्जरी लाइफस्टाइल की बात होती है तो अक्सर आज के सितारों के नाम सामने आते हैं. लेकिन कई साल पहले एक ऐसी अदाकारा थीं, जिन्होंने अपने शानदार रहन-सहन और अनोखे स्टाइल से सबको हैरान कर दिया था. उस जमाने में जब बाकी सितारे सादगी से रहते थे, उन्होंने फैशन, कार और जिंदगी जीने के अंदाज से सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. उन्होंने जो किया, वो उस दौर में सोचना भी मुश्किल था.
हम यहां हिंदी सिनेमा की टॉप एक्ट्रेसेस में से एक नादिरा की बात कर रहे हैं. उनका असली नाम फ्लोरेंस ईजेकियल था और वे एक बगदादी यहूदी परिवार से थीं. उनका जन्म इराक में हुआ था, लेकिन 1930 के दशक के आखिर में वे भारत आ गईं. सिर्फ 11 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म ‘मौज’ से अपने अभिनय की शुरुआत की थी. इस फिल्म के लिए उन्हें 1200 रुपये मिले थे, जो उस समय बहुत बड़ी रकम मानी जाती थी.
असली पहचान उन्हें 1952 में फिल्म ‘आन’ से मिली. इसके बाद नादिरा ने ‘श्री 420’, ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ और ‘जूली’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया. फिल्म ‘जूली’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला. वे हमेशा कॉन्फिडेंस से भरे और ग्लैमरस रोल निभाती थीं. उन्होंने पहली बार फिल्मों में लेडी विलेन का किरदार निभाया और इसी में अपनी अलग पहचान बनाई. उस दौर में वे 3600 रुपये फीस लेती थीं.
उस वक्त के हिसाब ये एक बहुत बड़ी रकम थी. नादिरा अपनी फिल्मों से ज्यादा अपने शाही अंदाज और लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए जानी जाती थीं. वे भारत की पहली एक्ट्रेस थी, जिनके पास खुद की रोल्स-रॉयस कार थी, जो उन्होंने विदेश से मंगवाई थी. वे वैंप और तेज स्वभाव वाली महिला (लेडी विलेन) के किरदारों में भी खूब पसंद की गईं. उन्हें देखकर लोग समझते थे कि असली शान और ग्लैमर क्या होता है. आज भी पहचानी जाती हैं एक्ट्रेस.
वे सबसे ज्यादा फीस पाने वाली एक्ट्रेस में शुमार थीं. 1970 और 80 के दशक में भी वे फिल्मों में सहायक किरदारों में नजर आती रहीं. उनका आखिरी रोल शाहरुख़ खान की फिल्म ‘जोश’ (2000) में था. 2006 में लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. उनके परिवार वाले बाद में इजराइल चले गए, लेकिन नादिरा ने मुंबई में ही अपनी आखिरी सांस ली. अपने अंदाज़ और काम से उन्होंने जो नाम कमाया, वो आज भी याद किया जाता है.
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