Plane Emergency Landing: कई बार प्लेन को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ जाती है जिसके लिए पहले कई तरह के नियमों को फॉलो करना पड़ता है इसलिए आज हम आपको बताएंगे की इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखा जाता है.
कई बार प्लेन में तकनीकी खराबी के चलते या मौसम में गड़बड़ी के कारण हवाई जहाज को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है जिससे प्लेन में बैठे यात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके, मगर इमरजेंसी लैंडिंग से पहले कई तरह के प्रोटोकॉल को फॉलो किया जाता है. इन प्रोटोकॉल को फॉलो करने के बाद ही लैंडिंग कराई जाती है, जिससे विमान और यात्रियों को किसी भी प्रकार की हानि से बचाया जा सकता है. वहीं इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है.
आपातकालीन स्थिति में तीन तरह से इमरजेंसी प्लेन लैंडिंग कराई जाती है जिसे टेक्निकल टर्म में फोर्स लैंडिंग भी कहा जाता है. जिसमें प्लेन का इंजन फेल हो जाने पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग को कराया जाता है. वहीं दूसरी आपातकालीन स्थिति तब होती है जब प्लेन एक लिमिटेड जगह के बाद उड़ान नहीं भर सकता है जिसमें विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है.
बात करें तीसरी सिचुएशन की तो जब प्लेन में फ्यूल खत्म हो जाए, मौसम की खराबी या किसी पैसेंजर की तबीयत ज्यादा खराब हो जाए, तो इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ती है वहीं इस लैंडिंग को डिचिंग लैंडिंग के नाम से भी लोग जानते हैं इस सिचुएशन में पानी की सतह पर लैंडिंग कराई जाती है.
किसी भी प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग को करने से पहले प्लेन के क्रू मेंबर्स इस बात को पूरी तरह से कंफर्म करते हैं कि कोई तकनीकी समस्या या इंटरनल प्रॉब्लम तो नहीं है जिससे लैंडिंग के समय दिक्कत का सामना करना पडे. वही लैंडिंग से पहले जमीन पर मौजूद टेक्नीशियन से विचार किया जाता है कि किस जगह पर और किस समय इमरजेंसी लैंडिंग करना सेफ रहेगा.
वहीं किसी भी इमरजेंसी लैंडिंग से पहले इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि सभी पैसेंजर सेफ हों और उन्हें प्रॉपर इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं कि लैंडिंग के दौरान क्या करना है. वहीं पायलट ऐसी परिस्थिति में अपना संयम खोए बिना सिचुएशन को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में रखते हुए इमरजेंसी लैंडिंग को परफॉर्म करते हैं.
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