Planet Nine: कई बरस पहले वैज्ञानिकों ने सोचा था कि यूरेनस प्लानेट की कक्षा (orbit) में कुछ गड़बड़ी है. उन्हें तब लगा था कि शायद कोई अनदेखा ग्रह उस पर असर डाल रहा है. हालांकि, इसके बाद वैज्ञानिकों ने इसे ही "Planet X" नाम दिया. पर बाद में पता चला कि असल में ये गड़बड़ी नेपच्यून के द्रव्यमान (mass) की गलत गणना की वजह से हो रही थी. लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई. 2016 में कैलटेक (Caltech) के दो खगोलशास्त्रियों कॉन्स्टैंटिन बैटिगिन और माइक ब्राउन ने इस विचार को फिर से ज़िंदा कर दिया. उन्होंने देखा कि कुछ बेहद दूर के कुइपर बेल्ट (Kuiper Belt) ऑब्जेक्ट्स की कक्षाएं कुछ अजीब तरीके से झुकी हुई हैं, जैसे कोई उन्हें खींच रहा हो.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके पीछे हो सकता है एक विशाल ग्रह हो, जो अबतक अनदेखा है. वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को Planet Nine नाम दिया है. कहा जा रहा है कि यह ग्रह बहुत ही दूर हो सकता है, शायद सूरज से 10 गुना या उससे भी ज्यादा दूरी पर. लेकिन इससे भी हैरानी बात यह है कि इसका आकार पृथ्वी से कई गुना बड़ा हो सकता है.
वैज्ञानिक बैटिगिन और ब्राउन ने यह देखा कि सौर मंडल के बाहर कुइपर बेल्ट (Kuiper Belt) में घूमने वाले कई छोटे-छोटे पिंड (objects) वैसे रास्तों पर नहीं घूम रहे हैं, जैसे उन्हें घूमना चाहिए. इसका मतलब है कि उन पर सूरज के अलावा कोई और गुरुत्वाकर्षण बल (gravity) काम कर रहा है. यह वैसा ही है जैसे चंद्रमा (Moon) धीरे-धीरे धरती से दूर जा रहा है, क्योंकि धरती का गुरुत्व उसे मुतासिर कर रहा है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये एक बहुत बड़ा ग्रह, जिसे प्लैनेट नाइन कहा जा रहा है, जो पृथ्वी से कई गुना बड़ा हो सकता है.
इस थ्योरी को सपोर्ट करने वाले कुछ सबूत भी मिले हैं. जैसे 2017 OF201 नाम का एक ट्रांस-नेपच्यूनियन ऑब्जेक्ट (यानि नेपच्यून से भी दूर मौजूद एक चीज़) – जिसकी अजीब सी अंडाकार कक्षा (elliptical orbit) है. ऐसा लगता है कि किसी बहुत बड़े प्लैनेट ने उसकी ऑर्बिट को ऐसा बना दिया है.
इतना ही नहीं, 2024 में ब्राउन ने फिर से कहा कि 'अभी तक ऐसा कोई और कारण नहीं है जो इन सब प्रभावों को समझा सके. नई खोजें भी इसी तरफ इशारा कर रही हैं कि कहीं दूर एक अदृश्य, भारी ग्रह है जो इन सभी पर असर डाल रहा है.'
हाल ही में मिली खोजें, जैसे कि सेडनॉइड 2023 KQ14, जो इतना लम्बा है कि खाली सौरमंडल में स्थिर दिखाई देता है. इस लैंडस्कैप को और भी जटिल बना देती हैं. अगर ग्रह नौ वहां है, तो वह सूर्य से कम से कम 500 AU दूर हो सकता है. इस बीच, खगोलविद ज़मीनी और अंतरिक्ष-आधारित दूरबीनों का इस्तेमाल करके हमारे सौरमंडल के उन विशाल, दूरस्थ किनारों की खोज जारी रखे हुए हैं.
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