Maya Civiliztion: धरती पर इंसानों के साथ-साथ दुनिया भर से कई सभ्यताएं भी पनपी. इसी में से एक है प्राचीन माया सभ्यता जो एक मेसोअमेरिकन संस्कृति थी और सदियों तक चलती रही. हर सभ्यता के लोगों को खगोलीय घटनाओं में बहुत दिलचस्पी थी. आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के समय माया सभ्यता के लोग क्या करते थे.
प्राचीन माया सभ्यता के लोग एस्ट्रोनॉमी में बहुत ही आगे थे. इतना ही नहीं, एस्ट्रोनॉमी में इनकी बहुत गहरी दिलचस्पी भी थी. इसी कारण से ये लोग सूर्य, ग्रहों और तारों के मूवमेंट का बहुत ही अच्छे और सिस्टमैटिक तरीके से रिकॉर्ड रखते थे.
माया सभ्यता के लोगों ने एक बहुत ही कठिन लेकिन आधुनिक कैलेंडर भी तैयार किया था. उनका बनाया कैलेंडर हालांकि थोड़ा कठिन भी था और बहुत ही सटीक थे. प्राचीन माया सभ्यता में सूर्य ग्रहण को मृत्यु से जोड़कर देखा जाता था. उनका मानना था कि हर शाम सूर्य देवता पाताल चले जाते हैं.
सूर्य ग्रहण को माया सभ्यता के लोग सूरज के टूट जाने की तरह देखते थे. उनका मानना था कि इससे भारी तबाही आ सकती है. माया सभ्यता के लोग बुध ग्रह को किनिच अहाऊ का भाई कहते थे.
जब भी सूर्य ग्रहण होता तो सभ्यता को लोग इसे 2 भाईयों के बीच होने वाली लड़ाई की तरह देखते. पोजिशन सही बैठने पर ग्रहण लगे सूर्य के साथ बुध भी तेजी से चमकता नजर आता. माया मानते कि चाक अब हमला कर रहा है.
जब किनिच अहाऊ यानी सूर्य देव, जब चांद की ओट में छिपते को माया लोगों को लगता कि वह मर रहे हैं और उन्हें बचाने के लिए तमाम अनुष्ठान किए जाते.
सूर्य ग्रहण के समय माया सभ्यता के राजा अपना रक्त चढ़ाते. माया लोग मानते थे कि भगवान ने अपना खून देकर इंसानों को बनाया इसलिए अपना खून चढ़ाकर भगवान को ताकत दे रहे हैं.
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