एक्सपर्टों के मुताबिक, फ्लिप-फ्लॉप जूते पहनने से पैरों को कोई खास सपोर्ट या शॉक एब्जॉर्प्शन नहीं मिलता है. इससे पैरों में सूजन और दर्द शुरू होने लग जाता है. इसके बजाय आप आर्च सपोर्ट और कुशन वाले फुटबेड यानी सैंडल चुनें. इसके साथ ही आप एडजस्टेबल स्ट्रैप का भी ध्यान रखें, जिससे पैरों को सपोर्ट मिल सके.
हेल्थ एक्सपर्टों के अनुसार, ऐसे जूते जो फ्लैट्स हों और जिसमें आर्च सपोर्ट न हो, उन्हें पहनने से बचना चाहिए. इनके तलवे बहुत पतले होते हैं, जो तलवों को खास सपोर्ट नहीं देते हैं, जिससे एड़ी पर दबाव बढ़ता है और पैरों में दर्द होने लगता है. इसके बजाय सपोर्टिव फ़ुटबेड और एर्गोनोमिक डिज़ाइन वाले जूते ही खरीदने चाहिए.
शादी जैसे समारोहों पर पहने जाने वाले ऐसे जूते, जिनका पंजा नुकीला और टाइट होता है, उन्हें भी पहनना ठीक नहीं माना जाता है. इससे पंजों में दर्द होने लगता है, जिससे गोखरू, हैमरटोज़ और मेटाटार्सलगिया का जोखिम बढ़ जाता है. इसके बजाय ऐसे जूते पहनने चाहिएं, जिनका आगे पंजा चौड़ा हो.
आप ऊंची हील वाले जूते पहनने से बचें. ऊंची एड़ी के जूते आपके पैर के अगले हिस्से पर बहुत दबाव डालते हैं. जिससे लंबे समय में आपके जोड़ों और हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए हमेशा कम हील वाले जूते ही पहनें. ऐसा न करने पर आपको पैरों में दर्द शुरू हो सकता है.
टाइट जूते पहनने से पैरों में दर्द, छाले और जलन हो सकती है. इससे ब्लड सर्कुलेशन में दिक्कत आने लगती है, जिससे सुन्नता हो जाती है. टाइट जूते पहनने से नाखून अंदर की ओर बढ़ने लगते हैं, जो काफी दर्दनाक होता है. टाइट जूते पहनने से घुटने और कूल्हों में दर्द होने लगता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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