Advertisement
trendingPhotos2690762
photoDetails1hindi

ISI से SSU तक...कौन करता है पाकिस्तान के PM की सुरक्षा? कई एजेंसियों के कंधों पर जिम्मेदारी

PAK PM security: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सुरक्षा एक बहुस्तरीय प्रणाली पर आधारित होती है. जिसमें SSU, इस्लामाबाद पुलिस, PAK रेंजर्स, आर्मी और इंटेलिजेंस एजेंसियां शामिल होती हैं. समय समय पर सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाता है लेकिन इसके बावजूद खतरा हमेशा बना रहता है.

सुरक्षा की जिम्मेदारी

1/5
सुरक्षा की जिम्मेदारी

पाकिस्तान में भी प्रधानमंत्री का पद राष्ट्रपति के बाद संवैधानिक रूप से देश के टॉप पदों में है. उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट SSU, इस्लामाबाद पुलिस, पाकिस्तान रेंजर्स और इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास होती है. इसके अलावा गंभीर सुरक्षा खतरों की स्थिति में पाकिस्तान आर्मी और स्पेशल सर्विस ग्रुप भी सुरक्षा में शामिल किए जा सकते हैं. आइए इसे समझते हैं.

स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट

2/5
स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट

असल में स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट SSU एक विशेष कमांडो फोर्स है जिसे प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया गया है. इस यूनिट के जवान अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकों से लैस होते हैं और उन्हें हर परिस्थिति में प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने का जिम्मा सौंपा जाता है.

इस्लामाबाद पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स

3/5
इस्लामाबाद पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स

एक पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री के आवास और कार्यालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पुलिस और पाकिस्तान रेंजर्स के पास होती है. ये सुरक्षाबल पूरे रेड ज़ोन एरिया की सुरक्षा भी देखते हैं. जहां प्रधानमंत्री आवास, संसद, सुप्रीम कोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें स्थित हैं.

इंटेलिजेंस एजेंसियों भी सक्रिय

4/5
इंटेलिजेंस एजेंसियों भी सक्रिय

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ISI और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ब्यूरो का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है. ये एजेंसियां सुरक्षा खतरों की पहचान कर सुरक्षा बलों को सतर्क करती हैं और किसी भी संभावित खतरे को पहले ही नाकाम करने की कोशिश करती हैं.

इतिहास में सुरक्षा चुनौतियां भी हुई हैं..

5/5
इतिहास में सुरक्षा चुनौतियां भी हुई हैं..

पाकिस्तान में कई प्रधानमंत्रियों को सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. 1988 में बेनजीर भुट्टो के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. 2007 में रावलपिंडी में एक हमले में उनकी हत्या कर दी गई जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे. इसके अलावा जनरल परवेज मुशर्रफ पर भी कई बार जानलेवा हमले हुए. ऐसे में पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं के लिए सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय रही है.

ट्रेन्डिंग फोटोज़

;