Astro Tips About Bad Habits: शास्त्रों की बातें केवल परंपराएं नहीं, बल्कि जीवन जीने की वैज्ञानिक प्रणाली हैं। अगर हम इन बातों को समझकर अपनी दिनचर्या में शामिल करें, तो बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। आज से ही अपनी आदतों पर ध्यान दें—क्योंकि सुधार वहीं से शुरू होता है, जहां जागरूकता आती है।
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Astro Tips For Health: क्या आपने कभी सोचा है कि रोज़मर्रा की कुछ सामान्य आदतें धीरे-धीरे आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रही हैं? हम सब जानते हैं कि अच्छा खानपान और सही दिनचर्या सेहत का आधार है, लेकिन बहुत से लोग अनजाने में ऐसे व्यवहार कर बैठते हैं, जो शास्त्रों और स्वास्थ्य विज्ञान दोनों की दृष्टि से हानिकारक हैं। भारतीय शास्त्रों में जीवन को संतुलित, अनुशासित और सात्विक बनाए रखने के लिए अनेक नियम बताए गए हैं। इनमें से कुछ नियम भोजन के समय, अवस्था, भावना और प्रक्रिया से जुड़े होते हैं। ये सिर्फ आस्था की बातें नहीं, बल्कि सदियों की अनुभवी जीवनशैली का सार हैं। आइए जानते हैं वो आदतें जो आपकी सेहत से सीधा खिलवाड़ कर रही हैं।
1. जल्दी-जल्दी और खड़े-खड़े खाना
शास्त्रों में क्या कहा गया है:
भोजन को यज्ञ की तरह पवित्र माना गया है, जिसे शांति और ध्यान के साथ ग्रहण करना चाहिए। खड़े होकर या भागते-भागते खाना भोजन का अपमान माना जाता है।
सेहत पर असर:
जब आप खड़े होकर या बहुत तेज़ी से खाते हैं, तो भोजन ठीक से चबाया नहीं जाता, जिससे पाचन बिगड़ता है। इससे गैस, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ज़मीन पर बैठकर खाने से न केवल शरीर लचीला रहता है, बल्कि पाचन तंत्र भी बेहतर कार्य करता है।
2. मोबाइल या टीवी देखते हुए खाना
शास्त्रों की चेतावनी:
भोजन के समय मन एकाग्र होना चाहिए। ध्यान बंटाकर खाना खाना अन्न देवता का अपमान माना जाता है। यह मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को भी बिगाड़ता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
मोबाइल या टीवी देखते हुए खाना एक आदत बन चुकी है, जिससे हम अक्सर जरूरत से ज़्यादा खा लेते हैं। यह मोटापे और ब्लड शुगर असंतुलन का कारण बन सकता है। ध्यानभंग से भोजन में रुचि कम हो जाती है और पाचन क्रिया पर सीधा असर पड़ता है।
3. देर रात भोजन करना
शास्त्रों का मत:
सूर्यास्त के बाद अन्न ग्रहण करना तामसिक प्रवृत्ति को बढ़ाता है। यह शरीर में आलस्य, सुस्ती और रोग की जड़ बनता है।
सेहत पर असर:
रात में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। इस समय भोजन करने से कैलोरी बर्न नहीं होती और फैट शरीर में जमा होने लगता है। इससे मोटापा, नींद की कमी और डायबिटीज़ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
4. भोजन के साथ या तुरंत बाद पानी पीना
शास्त्रों में निषेध:
खाने के दौरान अधिक मात्रा में पानी पीना पाचन अग्नि को शांत कर देता है। इससे भोजन ठीक से नहीं पचता।
वैज्ञानिक तथ्य:
भोजन करते समय या तुरंत बाद पानी पीने से शरीर के एंजाइम्स और गैस्ट्रिक जूस पतले हो जाते हैं। इससे एसिडिटी, अपच और गैस की शिकायत बढ़ती है। बेहतर होगा कि आप भोजन से 30 मिनट पहले या बाद में पानी पिएं।
5. जरूरत से ज्यादा तला-भुना और गरिष्ठ खाना
शास्त्रों का संकेत:
राजसिक और तामसिक भोजन शरीर की ऊर्जा को भारी बना देता है और मानसिक एकाग्रता को नष्ट करता है।
सेहत के लिहाज़ से:
अत्यधिक तला-भुना खाना हार्ट संबंधी बीमारियों, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ाता है। इसके साथ ही यह आपकी कार्यक्षमता और मानसिक स्पष्टता को भी कम करता है।
6. गुस्से या तनाव में खाना खाना
शास्त्रों का दृष्टिकोण:
भोजन करते समय का भाव अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। गुस्से, दुख या चिंता की अवस्था में किया गया भोजन शरीर में ज़हर समान प्रभाव छोड़ता है।
मानसिक और शारीरिक प्रभाव:
तनाव में खाना खाने से न केवल पाचन गड़बड़ होता है बल्कि शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है, जिससे मोटापा और डिप्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भोजन हमेशा शांत और सकारात्मक मन:स्थिति में करें।
7. बार-बार स्नैक्स खाना और बिना भूख के खाना
शास्त्रों की सलाह:
भोजन को समयानुसार ग्रहण करें और तभी खाएं जब वास्तव में भूख लगी हो। अति भोजन से शरीर रोगों का घर बन जाता है।
सेहत पर प्रभाव:
बिना भूख के बार-बार खाने से शरीर की डाइजेस्टिव सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। इससे मेटाबॉलिज्म स्लो होता है और वजन तेजी से बढ़ता है।
शास्त्रों की बातें और आधुनिक विज्ञान – एक समन्वय
शायद आप सोच रहे होंगे कि ये बातें केवल धार्मिक मान्यताओं तक सीमित हैं, लेकिन आज का विज्ञान भी इन्हीं नियमों की पुष्टि करता है। मेडिकल साइंस कहता है कि:
खाना खाते समय मन शांत और केंद्रित होना चाहिए।
देर रात भोजन करने से नींद पर असर पड़ता है।
मोबाइल के साथ खाना आपकी भूख और संतुलन को बिगाड़ता है।
इसलिए ये आदतें केवल आध्यात्मिक संतुलन नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने का मूल आधार हैं।
भोजन जीवन का आधार है, और जैसे ही हम इसे हल्के में लेने लगते हैं, हमारी सेहत बिगड़ने लगती है। छोटी-छोटी आदतें—जैसे सही समय पर खाना, बैठकर खाना, ध्यान से खाना—हमारे स्वास्थ्य को मजबूत और जीवन को सकारात्मक बनाती हैं।
तो अब समय है कि हम अपनी आदतों को सुधारें और शास्त्रों में दी गई चेतावनियों को गहराई से समझें। याद रखिए, आपका आज का निवाला ही तय करता है आपका कल का स्वास्थ्य।
क्या आप भी ऐसी गलतियां कर रहे हैं?
अगर हां, तो आज से ही सुधार शुरू करें। इस लेख को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें ताकि वे भी इन आदतों को पहचान सकें और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकें। आज की तेज़ रफ्तार और व्यस्त दिनचर्या में हम अपने शरीर की छोटी-छोटी ज़रूरतों को नजरअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन यही लापरवाह आदतें धीरे-धीरे हमारी सेहत को खोखला कर देती हैं।
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)