आखिर शिवलिंग पर क्यों चढ़ाया जाता है जनेऊ? जानें इसके पीछे की पौराणिक मान्यता
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आखिर शिवलिंग पर क्यों चढ़ाया जाता है जनेऊ? जानें इसके पीछे की पौराणिक मान्यता

Janeyu in Shiv Puja: क्या आप जानते हैं शिवजी की पूजा के दौरान शिवलिंग पर जनेऊ क्यों चढ़ाया जाता है. चलिए जानते हैं कि आखिर शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ाने के पीछे पौराणिक मान्यता क्या है.

आखिर शिवलिंग पर क्यों चढ़ाया जाता है जनेऊ? जानें इसके पीछे की पौराणिक मान्यता

Why Janeyu offered to Shivling: शिव पूजा में जल, बेलपत्र, दूध आदि चढ़ाने की परंपरा सर्वविदित है, क्योंकि ये वस्तुएं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय मानी जाती हैं. लेकिन कुछ विशेष पूजा-पद्धतियों और मंदिरों में शिवलिंग पर जनेऊ (यज्ञोपवीत) भी अर्पित किया जाता है, जो एक अत्यंत पवित्र और गूढ़ प्रतीक है. जनेऊ एक तीन धागों वाला पवित्र सूत है, जिसे उपनयन संस्कार के पश्चात ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ण के पुरुष धारण करते हैं। यह तीन गुणों (सत्व, रज, तम), तीन देवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और तीन ऋणों (देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण) का प्रतिनिधित्व करता है. शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ाने की परंपरा न केवल आध्यात्मिक गहराई लिए हुए है, बल्कि यह भगवान शिव के गृहस्थ स्वरूप और संपूर्ण पुरुषत्व की उपासना का प्रतीक भी है.

जनेऊ चढ़ाने का शास्त्रीय मान्यता

जनेऊ के तीन धागे त्रिदेवों का संकेत देते हैं, और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से यह स्वीकार किया जाता है कि भगवान शिव ही समस्त देवताओं के मूल हैं. शिव वैराग्य के देव हैं, फिर भी वे गृहस्थ रूप में भी पूजे जाते हैं. जनेऊ अर्पण, शिव के दोनों रूपों – योगी और गृहस्थ – की एकरूपता को दर्शाता है. 

तांत्रिक और विशेष पूजा-पद्धतियां

कुछ विशेष तांत्रिक अनुष्ठानों, जैसे महाशिवरात्रि, नागपंचमी या अन्य गुप्त साधनाओं में शिव को ब्राह्मण रूप में पूजते हुए यज्ञोपवीत अर्पण अनिवार्य माना गया है. 

जनेऊ चढ़ाने से मिलने वाले लाभ 

तीनों ऋणों से मुक्ति- धार्मिक विश्वास है कि शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ाने से देव, पितृ और ऋषि ऋणों से मुक्ति मिलती है.

अकाल मृत्यु और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा- श्रद्धा से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर जनेऊ अर्पित करने से नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है और अकाल मृत्यु का योग टलता है.

आरोग्य और मानसिक शुद्धि- गंभीर रोगों से मुक्ति, मानसिक शांति और आत्म-शुद्धि होती है. 

धार्मिक कर्तव्य- जनेऊ धर्म के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है. यह एक संकल्प है आत्म सुधार का और कर्मों को शुद्ध करने का.

क्या सभी लोग शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं?

हां, कोई भी श्रद्धालु यदि सच्चे मन और पवित्र भाव से शिवलिंग पर जनेऊ अर्पित करना चाहता है, तो कर सकता है. हालांकि, यदि यह किसी विशेष अनुष्ठान या कर्मकांड का हिस्सा हो, तो इसे विद्वान ब्राह्मण या ज्ञानी आचार्य के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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दीपेश ठाकुर

दीपेश ठाकुर, पिछले 10 वर्षों से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं. श्रीठाकुर के पास प्रिंट और डिडिटल मीडिया में अच्छा अनुभव है. इस वक्त Zee News वरीय उप-संपादक के तौर पर कार्यरत हैं. ज्योतिष शास्त्र...और पढ़ें

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