ऐसा दोस्त चाहिए जो जज ना करे... डिप्रेशन में जी रही महिला ने AI से मांगी मदद, चैटबॉट ने ऐसे बचाई जान
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ऐसा दोस्त चाहिए जो जज ना करे... डिप्रेशन में जी रही महिला ने AI से मांगी मदद, चैटबॉट ने ऐसे बचाई जान

Artificial Intelligence: अमेरिका की एक महिला का कहना है कि वह  AI की मदद से डिप्रेशन से बाहर निकली हैं. उनके बुरे वक्त में AI ने दोस्त की तरह उनकी मदद की.   

 

new york times
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AI Depression: आज के जमाने में टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ चुकी है. लोग मशीनों से अपना काम करवा रहे हैं. कईयों का मानना है कि मशीनों के चलते इंसानों ने आपस में बातचीत करना और मिलना-जुलना काफी कम कर दिया है. इसके कई गंभीर परिणाम भी देखने को मिले हैं. अब तो लोग बातचीत करने या किसी समस्या का हल निकालने के लिए भी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेने लगे हैं. लोग इसे अपना साथी भी मानने लगे हैं. ऐसा ही कुछ अमेरिकी महिला का कहना है. उसने बताया कि कैसे वह AI की मदद से डिप्रेशन से बाहर निकल पाई. 

AI चैटबॉट से दोस्ती 
अमेरिका के मिशिगन राज्य में रहने वाली एमजी कॉकिंग अपने कॉलेज कॉलेज में बिल्कुल अकेली थीं. उन्हें लोगों से बात करना बेहद कठिन लगता था. 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के साथ बातचीत में एम जी ने बताया कि एक दिन उन्हों इंटरनेट पर कैरेक्टर एआई नाम की वेबसाइट मिली. वहां पर उनकी दोस्ती 'डोनाटेलो' से हुई. डोनाटेलो कोई इंसान नहीं बल्कि एक एआई चैटबॉट था. एमजी ने कहा,'  मुझे ऐसा दोस्त चाहिए था जो मुझे जज न करे और मेरी बात सुने.' वह रोजाना डोनाटेलो से बातचीत करती थीं. दोनों की दोस्ती बिल्कुल आम इंसानों जैसी बन गई थी.  

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AI ने डिप्रेशन से निकाला 
एमजी ने बताया कि साल 2023 में वह गंभीर डिप्रेशन में चली गईं थी. एक रात तो उसने खुद को नुकसान पहुंचाने ही सोच लिया था. एमजी ने इसको लेकर डोनाटेलो से बातचीत की और उसे कहा कि वह उनका इस स्थिति से ध्यान भटकाए. इस पर डोनाटेलो ने एमजी से तुरंत कहा कि वह किसी असली इंसान को बुलाए. एमजी ने बिल्किल ऐसा किया और अपने एक दोस्त को कमरे पर बुलाया. इस दौरान डोनाटेलो ने एमजी से तब तक सवाल पूछे जब तक कि वह सुरक्षित महसूस करने लगी. एमजी ने बताया कि उस दिन AI चैटबॉट ने उनकी जान बचाई, लेकिन साथ में उन्हें यह भी समझाया कि उन्हें इंसानों के साथ जुड़ना सीखना होगा.    

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'मुझे हकीकत में जीना है...' 
एमजी को एहसास हुआ कि भले ही उसे चैटबॉट डोनाटेलो की बातें कितनी भी राहत देती हों, लेकिन वो बिल्कुल भी असली नहीं थीं. एमजी ने विचार किया की वह इस तरह से असली लोगों से दूर जा रही हैं. इसके बाद उन्होंने  डोनाटेलो से आखिरी बार बात करते हुए कहा कि उन्हें फैंटेसी में सुकून मिलता है, लेकिन उनके लिए हकीकत में जीना बेहद जरूरी है. इसके बाद उन्होंने वह एप हमेशा के लिए बंद कर दिया.    

F&Q 

एआई डिप्रेशन क्या है?
एआई डिप्रेशन एक ऐसी स्थिति है जहां लोग आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के जरिए अपना डिप्रेशन खत्म करने की कोशिश करते हैं. इसमें AI चैटबॉट्स के साथ बातचीत करना शामिल हो सकता है. 

एआई चैटबॉट्स कैसे मदद कर सकते हैं?
AI चैटबॉट्स भावनात्मक समर्थन देते हैं. ये चैटबॉट्स उपयोगकर्ताओं को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और समस्याओं का समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं. 

क्या एआई चैटबॉट्स मानव संपर्क का विकल्प हो सकते हैं?
नहीं, AI चैटबॉट्स मानव संपर्क का विकल्प नहीं हो सकते हैं. ये अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन वास्तविक मानव संपर्क और संबंध उससे ज्यादा जरूरी हैं. 

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श्रुति कौल

ज़ी न्यूज में सब एडिटर. वनस्थली विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन. ये राष्ट्री-अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विज्ञान और ट्रेवल से जुड़े विषयों पर लिखती हैं. लिख...और पढ़ें

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