भारत में कहां बनता है सबसे ज्यादा लेदर का जूता? 100 सालों से चलती आ रही है परंपरा
Advertisement
trendingNow12780652

भारत में कहां बनता है सबसे ज्यादा लेदर का जूता? 100 सालों से चलती आ रही है परंपरा

भारत में एक ऐसा शहर है जो लेदर जूते बनाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यहां का लेदर उद्योग सदियों पुराना है और हजारों लोगों को रोजगार देता है. इस शहर के जूते देश-विदेश में मशहूर हैं. यहां के कारीगर परंपरागत और आधुनिक तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल करते हैं.

भारत में कहां बनता है सबसे ज्यादा लेदर का जूता? 100 सालों से चलती आ रही है परंपरा

जूते खरीदने और पहनने का शौक हर किसी को होता है, खासकर, लेदर के जूते बहुत पॉपुलर होते हैं. ये जूते ना सिर्फ दिखने में अच्छे लगते हैं, बल्कि टिकाऊ भी होते हैं. भारत में लेदर जूतों की मांग बहुत ज्यादा है और यहां कई शहरों में ये जूते बनते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा और सबसे अच्छा लेदर जूता कहां बनता है? चलिए जानते हैं इसके बारे में

  1. भारत में सबसे ज्यादा लेदर जूते कानपुर में बनते हैं
  2. कानपुर का लेदर उद्योग पूरी दुनिया में मशहूर है

कानपुर: भारत की लेदर सिटी
भारत में सबसे ज्यादा लेदर जूते कानपुर में बनते हैं. कानपुर को 'भारत की लेदर सिटी' भी कहा जाता है. यहां का लेदर उद्योग बहुत पुराना और प्रसिद्ध है. कानपुर की फैक्ट्रीज में हर साल लाखों जूते बनते हैं और देश के अलावा विदेशों में भी एक्सपोर्ट किए जाते हैं.

कानपुर के लेदर उद्योग का इतिहास
कानपुर का लेदर उद्योग लगभग 100 साल पुराना है. यहां के कारीगरों की मेहनत और हुनर की वजह से कानपुर के जूते खासतौर पर पसंद किए जाते हैं. सिर्फ जूते ही नहीं, कानपुर में बैग, बेल्ट, जैकेट्स और दूसरे लेदर के सामान भी बनते हैं.

चमड़े की क्वालिटी और कारीगरों का हुनर
कानपुर में लेदर जूते बनाने के लिए अच्छी क्वालिटी के चमड़े (leather) मिलते हैं, जो इसे और भी बेहतर बनाते हैं. इसके अलावा, यहां के कारीगर अपनी पारंपरिक तकनीक और आधुनिक मशीनों का सही इस्तेमाल करके अच्छे और टिकाऊ जूते बनाते हैं.

कानपुर के जूतों की लोकप्रियता
कानपुर के लेदर जूते पूरे देश में अपनी पहचान बना चुके हैं. चाहे आप दिल्ली हों, मुंबई हों या फिर किसी छोटे शहर में, कानपुर के जूते आसानी से मिल जाएंगे. इसके अलावा, कई ब्रांड कानपुर से ही अपने लेदर जूते मंगवाते हैं.

रोजगार और आर्थिक महत्व
भारत में लेदर उद्योग रोजगार का एक बड़ा जरिया भी है. कानपुर में हजारों लोग इस उद्योग से जुड़े हैं, जो इस शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं. खासतौर पर छोटे कारीगर, जो पारिवारिक व्यवसाय चलाते हैं, उनके लिए ये उद्योग जीवनयापन का मुख्य स्रोत है.

पर्यावरणीय चुनौतियां और समाधान
हालांकि, कानपुर के लेदर उद्योग को, पर्यावरण और प्रदूषण जैसी चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन सरकार और उद्योगपतियों के प्रयास से अब ये समस्याएं धीरे-धीरे कम हो रही हैं.

About the Author
author img
शांतनु सिंह

प्रयागराज से ताल्लुक रखता हूं, जिसे एक जमाने में इलाहाबाद भी कहा जाता था. तिग्मांशु धुलिया के शब्दों में कहें तो वही बाबुओं और वकीलों वाला शहर. यहां से निकलकर देहरादून के दून बिजनेस स्कूल से मास कम...और पढ़ें

TAGS

Trending news

;