Tejas will be integrated with Astra Mk2: भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में इजाफा करने के लिए स्वदेशी Astra MkII मिसाइल को तेजस Mk1 और Mk1A लड़ाकू विमानों में इंटीग्रेट करने की तैयारी कर रही है. इस मिसाइल की रेंज 140-160 किलोमीटर है, जो इसे पुराने Astra MkI से अधिक ताकतवर बनाती है. इसका अंतिम यूजर ट्रायल इस साल पूरा होगा और 2026 से विमानों में इसका परीक्षण शुरू होगा.
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Tejas will be integrated with Astra Mk2: भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में वृद्धि करने के लिए नए-नए प्रयास तेज कर रही है. जल्द ही एयरफोर्स अपने एक लड़ाकू विमान में तगड़ी मिसाइल इंटीग्रेट करने वाली है, जिसके बाद जेट की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. जिस मिसाइल की यहां बात हो रही है, उसकी रेंज 140 से 160 किलोमीटर के बीच होने वाली है. ये भारत की स्वदेशी मिसाइल है, जो स्वदेशी जेट में ही लैस होगी.
तेजस जेट से जुड़ेगी ताकतवर मिसाइल
रिपोर्ट बताती है की Astra MkII बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) अपने अंतिम यूजर ट्रायल में पहुंच चुकी है. इसे इस साल के अंत तक स्वदेशी तेजस Mk1 और Mk1A लड़ाकू विमानों के साथ जोड़ दिया जाएगा. फिर इनसे 2026 के मध्य या उसके बाद ट्रायल शुरू किया जाएगा. इस मिसाइल की प्रति यूनिट कीमत लगभग 7-8 करोड़ रुपये के आसपास है. जबकि ये मिसाइल MBDA मेटियोर का विकल्प है, जिसकी कीमत लगभग 25 करोड़ रुपये है.
Astra मिसाइल का पुराना वर्जन हो चुका इंटीग्रेट
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित Astra MkII मिसाइल अपने पुराने वर्जन Astra MkI से अधिक ताकतवर है. IAF ने Su-30MKI और तेजस Mk1 विमानों के Astra के पहले वर्जन को इंटीग्रेट कर दिया था. अब इसका नया वैरिएंट और भी ताकतवर होगा जो जेट्स की ताकत में चार चांद लगा देगा.
पाक-चीन के इन जेट्स से हो सकेगा मुकाबला
Astra MkII में डुअल-पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर और 140-160 किलोमीटर की बढ़ी हुई रेंज है, ये इसे पुराने वैरिएंट से एडवांस बनाती है. यह तेजी से चलने वाले लक्ष्यों के खिलाफ अधिक सटीक और प्रभावी है. इसकी रेंज इसे अमेरिका की AIM-120D AMRAAM और चीन की PL-15E मिसाइलों के बराबर बनाती है. इस मिसाइल से लैस होने के बाद तेजस जेट को पाकिस्तान के JF-17 ब्लॉक III और चीन के J-10C जैसे जेट्स से मुकाबला करने की ताकत मिलेगी.