पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं! उधर भारत की सरजमीं पर पैर रखा, इधर इंडियन आर्मी को मिल जाएगा अलर्ट
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पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं! उधर भारत की सरजमीं पर पैर रखा, इधर इंडियन आर्मी को मिल जाएगा अलर्ट

India Pakistan Border: भारत ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए  Human Detection Radars और Seismic Sensors लगाने का फैसला किया है. यह कदम जम्मू-कश्मीर में बढ़ती घुसपैठ और आतंकी घटनाओं के जवाब में उठाया गया है. कैमरे भले विफल ही जाएं, लेकिन ये रडार हर मौसम में काम करते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चार साल में सीमा को इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से लैस करने की घोषणा की थी.

पाकिस्तानी घुसपैठियों की खैर नहीं! उधर भारत की सरजमीं पर पैर रखा, इधर इंडियन आर्मी को मिल जाएगा अलर्ट

India Pakistan Border: भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को चाक-चौबंद करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. पाकिस्तान से लगी सीमा पर लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया जाने वाला है. यहां पर भारत सरकार ऐसे उपकरण लगवा रही है, जो इंसान के आने की आहट से ही एक्टिव हो जाएंगे. पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए भारत ने ये रणनीति तैयार की है. जैसे ही कोई भारतीय सीमा में घुसेगा, इंडियन आर्मी को तुरंत पता लग जाएगा.

  1. सीमा सुरक्षा होगी चाक-चौबंद
  2. घुसपैठ को रोकने की दिशा में कदम

कैमरे फैल हो सकते हैं मगर ये रडार नहीं
जम्मू-कश्मीरे में बीते कुछ समय से सीमा पार कर आने वाले आतंकियों ने नापाक घटनाओं को बढ़ा दिया है. इसे काउंटर करने के लिए भारत सरकार ने Human Detection Radars और Seismic Sensors (भूकंपीय सेंसर) को तैनात करने का फैसला किया है. गृह मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि कुछ इलाकों में ये उपकरण पहले से ही लगाए जा चुके हैं. एक अधिकारी ने बताया कि रडार हर तरह के मौसम में काम कर सकते हैं. कोहरे या बारिश में कैमरे फैल हो सकते हैं, लेकिन रडार सही अलर्ट देते हैं. 

गृह मंत्री शाह पहले ही कह चुके थे
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऐलान किया था कि सरकार आगामी चार वर्षों में भारत-पाकिस्तान सीमा को पूरी तरह से एक इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली के तहत लाना चाहती है. इससे घुसपैठ को रोका जा सकेगा.

भूकंपीय सेंसर क्यों लगाया जा रहा
दरअसल, आतंकवादी क्सर पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. ये डिवाइस जमीन के नीचे भूकंपीय तरंगें भेजते हैं, ताकि यह पता लग सके कि धरती के अंदर कोई खाली स्पेस या छेद तो नहीं है. इस तकनीक का फिलहाल ट्रायल हो रहा है, लेकिन इसका शुरुआती रिजल्ट आशाजनक है.

सीमा सुरक्षा के ये इंतजाम हैं
एक अधिकारी ने बताया है कि सीमा की बाड़ को मजबूत किया गया है. हर 270 मीटर पर फ्लडलाइट और वॉच-टावर हैं. नदी वाले इलाकों को को जहां तक संभव हो पाया, वहां तक बाड़ से घेरा गया है. दोनों तरफ वॉच-टावर बनाए गए है. इस क्षेत्र में गश्त भी होती है.

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