Indian warship with AESA Radar: भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नए AESA रडार सिस्टम की मांग कर रही है. यह रडार 360 डिग्री निगरानी करेगा और हवा व समुद्र में तेजी से चलने वाले लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक करेगा. यह दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से भी बचेगा. यह सिस्टम सभी तरह की नौसैनिक तोपों को एक साथ नियंत्रित करेगा, जो पुराने रडारों से बेहतर है, DRDO और निजी कंपनियां इसे विकसित कर रही हैं, इससे नौसेना की मारक क्षमता बढ़ेगी और भारतीय तकनीक की दुनिया में साख बनेगी.
Trending Photos
Indian warship with AESA Radar: भारतीय वायुसेना का की ताकत का नमूना तो दुनिया ने हाल के भारत-पाक संघर्ष में देख लिया है. अब इंडियन नेवी का पावर बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है. भारतीय नौसेना अपने वॉरशिप का रक्षा कवच मजबूत बना रही है. अब इंडियन नेवी अपने वॉरशिप की तोपों की क्षमता को बढ़ाने के लिए एक नई तकनीक की मांग कर रही है. यदि ये खास गैजेट मिल जाता है तो नौसेना की मारक क्षमता में चार चांद लग जाएंगे.
नौसेना को आधुनिक बनाएगा ये गैजेट
दरअसल, 360 डिग्री एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे-AESA रडार सिस्टम मांगा है, इसके लिए एक अनुरोध पत्र (RFI) जारी किया है. यह रडार सभी तरह की नौसैनिक तोपों को इंटीग्रेटेड रूप से कंट्रोल करने में सक्षम होगा. यह तकनीक भारतीय नौसेना को और आधुनिक और शक्तिशाली बनाएगी. AESA रडार पुराने घूमने वाले रडारों से कई मायनों में अलग है.
360 डिग्री निगरानी करेगा
यह रडार इलेक्ट्रॉनिक किरणों के जरिए 360 डिग्री निगरानी करता है. इससे यह हवा और समुद्र में तेजी से चलने वाले कई लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक कर सकता है. यह रडार फाइटर जेट्स, मिसाइलों और समुद्री लक्ष्यों को तेजी से ट्रैक कर लेता है. यह दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से भी बच जाता है.
सभी तोपों पर कारगर होगा रडार
यह रडार हर तरह की तोपों, जैसे- छोटी, मध्यम और बड़ी तोपों को एक साथ कंट्रोल कर सकता है. पुराने सिस्टम केवल एक खास तरह की तोप के लिए काम करते थे, लेकिन यह रडार सभी तोपों के लिए कारगर साबित होगा. भारतीय नौसेना पहले से ही विशाखापत्तनम-श्रेणी के विध्वंसक जहाजों में उन्नत रडार, जैसे- ईएल/एम-2248 एमएफ-स्टार का इस्तेमाल करती है.
दुनिया मानेगी भारत का लोहा
इस रडार सिस्टम को विकसित करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन DRDO के साथ निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भी काम कर रही हैं. यह रडार न केवल युद्धपोतों की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय तकनीक का भी दुनिया में लोहा मनवा देगा.