Who will become the next Vice President of India: भारत को अगला उपराष्ट्रपति तत्काल नहीं मिलने वाला है, इसके लिए एक पूरी प्रकिया सरकार को पूरी करनी होगी, यह पद ऐसा नहीं है सरकार जिसे चाहे उसे बना दे, या कोई चाहे तो उसे यह पद मिल सकता है. उसके लिए एक प्रकिया पूरी करनी होती है. आइए जानते हैं कि आर्टिकल 68 और 66 के तहत क्या है नियम-कानून.
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What rules regulations for the post of Vice President: जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद देश में तमाम तहर की अटकलें लगाई जा रही हैं. सभी के दिमाग में बहुत सारी बातें कौंध रही है. उपराष्ट्रपति पद के इस्तीफे के बाद कौन उनका काम देखेगा, सरकार पर इसका क्या असर होगा? कौन अगला उपराष्ट्रपति बन सकता है, सबसे बड़ा सवाल क्या सरकार जिसे चाहे उसे उपराष्ट्रपति बना सकती है या उसके पीछे कोई नियम-कानून मानना होगा. जानते हैं सब कुछ.
उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी कौन संभालेगा?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और संविधान विशेषज्ञ विराग गुप्ता ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि जगदीप धनखड़ ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है और इसे स्वीकार कर लिया गया है. अब राज्यसभा के उपसभापति उनकी जिम्मेदारियों को संभालेंगे. उन्होंने कहा कि संविधान में ऐसी सभी स्थितियों के लिए प्रावधान हैं, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा पद छोड़ना भी शामिल है, चाहे वह इस्तीफे, मृत्यु या स्वास्थ्य कारणों से हो. अब आगे वहीं नियम लागू होगा.
उपराष्ट्रपति के इस्तीफ के बाद सरकार पर क्या होगा असर?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप यादव ने कहा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि उनके इस्तीफे से कोई बड़ा संवैधानिक संकट पैदा नहीं होगा, क्योंकि संवैधानिक अधिकार राष्ट्रपति के पास है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद कभी खाली नहीं रह सकते. संविधान में इसकी व्यवस्था है. उपराष्ट्रपति के इस्तीफे या उनके कार्यकाल की किसी अन्य अप्रत्याशित स्थिति में राज्यसभा के उपसभापति जिम्मेदारियां संभालते हैं.
अब जानते हैं उपराष्ट्रपति बनाने के लिए भारत के संविधान में क्या नियम-कानून है?
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद संवैधानिक नियम-कानून के अनुसार, चुनाव आयोग जल्द ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करेगा. तब तक हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारियां संभालेंगे. यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 66 और 68 के तहत सुचारू रूप से पूरी की जाएगी, जिससे कोई संवैधानिक संकट उत्पन्न न हो.
क्या है आर्टिकल 66? जिसके तहत होगा उपराष्ट्रपति का चुनाव
आर्टिकल 66 में उपराष्ट्रपति का चुनाव प्रावधान है. यह अनुच्छेद उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया, निर्वाचक मंडल, और योग्यता को परिभाषित करता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सभी सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं.
क्या है आर्टिकल 68?
उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति होने पर चुनाव के समय और नए उपराष्ट्रपति के कार्यकाल को लेकर इसमें नियम कानून है. जिसमें यदि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्ति होती है, तो नया चुनाव कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरा करना होगा. अचानक पद के खाली होने पर यानी उपराष्ट्रपति का पद मृत्यु, त्यागपत्र, हटाए जाने या किसी अन्य कारण से रिक्त होता है, तो रिक्ति होने के बाद जितनी जल्दी संभव हो नया चुनाव आयोजित किया जाएगा.
60 दिनों के अंदर कराना होगा चुनाव
नए उपराष्ट्रपति का चुनाव आम तौर पर दो महीने के भीतर होना चाहिए. ऐसे में अब नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा. जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद अब सरकार को 20 सितंबर 2025 तक (लगभग 60 दिन) नया उपराष्ट्रपति चुनना होगा.
क्या है आर्टिकल 66?
यह आर्टिकल उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया, निर्वाचक मंडल, और योग्यता को परिभाषित करता है. धनखड़ के इस्तीफे के बाद नया उपराष्ट्रपति आर्टिकल 66 के तहत चुना जाएगा. चुनाव आयोग केंद्र सरकार के परामर्श से प्रक्रिया शुरू करेगा, और मतदान संसद भवन में गुप्त रूप से होगा. यह आर्टिकल सुनिश्चित करता है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकतांत्रिक, निष्पक्ष, और संवैधानिक प्रक्रिया के तहत हो.