ऑपरेशन महादेव: क्या है अमेरिका निर्मित M4 राइफल की ताकत, जो पहलगाम से जुड़े आतंकवादियों से बरामद हुई?
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ऑपरेशन महादेव: क्या है अमेरिका निर्मित M4 राइफल की ताकत, जो पहलगाम से जुड़े आतंकवादियों से बरामद हुई?

US made M4 rifle power: भारतीय सेना ने उन आतंकियों को मार गिराया, जिन्होंने पहलगाम में लोगों को मारा था. उनके पास से M4 राइफलें मिली हैं. इसकी क्या पावर है? जानें

ऑपरेशन महादेव: क्या है अमेरिका निर्मित M4 राइफल की ताकत, जो पहलगाम से जुड़े आतंकवादियों से बरामद हुई?

Pahalgam Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर में एक M4 राइफल की बरामदगी इस क्षेत्र में एडवांस छोटे हथियारों की निरंतर घुसपैठ को उजागर करती है. पिछली मुठभेड़ों में, आतंकवादियों को हथियार आपूर्ति करने वाले विदेशी नेटवर्कों से ऐसी ही राइफलें बरामद हुई हैं.

एम4 कार्बाइन: विवादित हथियार
पहलगाम अभियान के दौरान, सुरक्षा बलों ने मारे गए आतंकवादियों से एक अमेरिकी निर्मित एम4 कार्बाइन बरामद की. एम4 एक हल्की, गैस से चलने वाली, मैगजीन से चलने वाली असॉल्ट राइफल है जिसका इस्तेमाल अमेरिकी सेना और नाटो सेना द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है. इसका कॉम्पैक्ट डिजाइन इसे नजदीकी युद्ध और शहरी युद्ध के लिए उपयुक्त बनाता है.

विशिष्टताएं और मारक क्षमता
एम4 5.56×45 मिमी नाटो गोला-बारूद का उपयोग करता है और लक्ष्यों के लिए 500-600 मीटर तक की मारक क्षमता रखता है. इसमें सेमी-ऑटोमेटिक और बर्स्ट/स्वचालित विकल्पों सहित चुनिंदा फायर मोड हैं, जो इसे विभिन्न युद्ध स्थितियों में मल्टी रोल निभाना वाला बनाते हैं.

कश्मीर में यह क्यों महत्वपूर्ण है?
जम्मू और कश्मीर में एक एम4 राइफल की बरामदगी इस क्षेत्र में एडवांस छोटे हथियारों की निरंतर घुसपैठ को उजागर करती है. पिछली मुठभेड़ों में, आतंकवादियों को हथियार आपूर्ति करने वाले विदेशी नेटवर्कों से इसी तरह की राइफलें बरामद हुई हैं, जो पारंपरिक एके-47 के बजाय अधिक कॉम्पैक्ट पश्चिमी निर्मित कार्बाइनों की ओर बदलाव का संकेत है.

ये हथियार आतंकवादियों के हाथों में कैसे पहुंचे?
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे हथियार अक्सर अवैध सीमा पार तस्करी नेटवर्क के जरिए पहुंचते हैं. माना जाता है कि कुछ हथियार अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हथियार बाजारों से आते हैं और कश्मीर के अंदर आतंकी ठिकानों तक पहुंचते हैं.

M4 और INSAS या AK-47 के बीच अंतर
भारतीय INSAS राइफल और व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली AK-47 की तुलना में, M4 हल्की है और ऑप्टिक्स और ग्रेनेड लॉन्चर जैसे उपकरणों के साथ बेहतर मॉड्यूलरिटी प्रदान करती है. हालांकि, मजबूत AK-47 के विपरीत, इसे ज्यादा रखरखाव की आवश्यकता होती है और यह धूल और नमी के प्रति संवेदनशील होती है.

भारतीय सेना की प्रतिक्रिया
एम4 राइफल की बरामदगी कश्मीर में बढ़ते खतरे की याद दिलाती है. भारतीय सेना और राष्ट्रीय राइफल्स इकाइयां विदेशी हथियारों का इस्तेमाल करने वाले आतंकवादियों पर तकनीकी बढ़त बनाए रखने के लिए SIG716i राइफलों सहित अपने हथियारों को एडवांस कर रही हैं.

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नितिन अरोड़ा

लिखने के शौकीन हैं, पिछले 6 सालों से अधिक समय से मीडिया के कई अलग-अलग संस्थानों में काम कर चुके हैं और फिलहाल Zee News की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं. यहां जनरल न्यूज व नेशनल, इंटरनेशनल खबरों पर एक्सप...और पढ़ें

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