भूटान एक छोटा हिमालयी देश है जिसके पास ना वायुसेना है और ना नौसेना. इसकी भूगोलिक स्थिति समुद्र से कटी हुई है, इसलिए नौसेना की जरूरत नहीं पड़ती. वायु सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत निभाता है. भूटान शांतिपूर्ण नीतियों, भारत से सहयोग और मजबूत थलसेना के दम पर सुरक्षित है.
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दुनिया के ज्यादातर देशों में खुद की थलसेना, वायुसेना और नौसेना होती है, ताकि देश की रक्षा हर मोर्चे पर हो सके. लेकिन हिमालय की गोद में बसा एक छोटा-सा देश ऐसा भी है, जहां ना वायुसेना है और ना नौसेना. इस देश का नाम है भूटान. अपनी शांत नीतियों, प्राकृतिक सुंदरता और खास भूगोल के चलते भूटान की रक्षा नीति बाकी देशों से काफी अलग है.
भूटान कहां है और इसकी क्या खासियत है
भूटान एक छोटा और शांतिप्रिय देश है, जो दक्षिण एशिया में स्थित है. यह पूरी तरह जमीन से घिरा हुआ है, यानी इसका कोई समुद्री किनारा नहीं है. इसी वजह से इसे 'लैंडलॉक्ड कंट्री' कहा जाता है. यहां की राजधानी थिंपू है और जनसंख्या करीब 8 लाख के आसपास है. भूटान को स्थानीय भाषा में 'ड्रुक युल' कहा जाता है, जिसका मतलब होता है 'ड्रैगन का देश'.
भूटान के पास नौसेना क्यों नहीं है
क्योंकि भूटान एक लैंडलॉक्ड देश है और इसकी कोई सीमा समुद्र से नहीं जुड़ती, इसलिए यहां नौसेना की जरूरत नहीं है. इस देश के चारों तरफ केवल पहाड़ और जमीन ही हैं. समुद्र से दूरी होने के कारण इसे कभी समुद्री खतरे का सामना नहीं करना पड़ा. इसलिए नौसेना जैसी व्यवस्था की आवश्यकता यहां कभी महसूस नहीं हुई.
भूटान के पास वायुसेना क्यों नहीं है
भूटान ने आज तक अपनी खुद की वायुसेना नहीं बनाई है. इसकी वजह यह है कि भूटान की वायु सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत निभाता है. जब भी भूटान को हवाई मदद की जरूरत होती है, भारतीय वायुसेना यानी IAF मदद करती है. भूटान की वायु रक्षा भारत की ईस्टर्न एयर कमांड के जरिए संचालित होती है. इससे भूटान को खुद की वायुसेना बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ी.
भारत और भूटान के बीच रक्षा सहयोग
भारत और भूटान के बीच रिश्ते काफी पुराने और मजबूत हैं. भारत, भूटान की सेना को प्रशिक्षण देता है और उन्हें जरूरी हथियार भी उपलब्ध कराता है. भूटान की थलसेना को 'रॉयल भूटान आर्मी' कहा जाता है. इसमें सैनिकों के साथ-साथ रॉयल बॉडीगार्ड्स और पुलिस बल भी शामिल हैं. भारत समय-समय पर इन्हें ट्रेनिंग देता है. साल 2003 में हुए 'ऑपरेशन ऑल क्लियर' के दौरान जब भूटानी सैनिक घायल हुए थे, तब भारतीय वायुसेना ने हेलीकॉप्टर के जरिए उनकी मदद की थी. इससे साफ होता है कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध कितने मजबूत हैं.
भूटान के कुछ खास नियम और कानून
पर्वत चढ़ाई पर प्रतिबंध: भूटान में मौजूद गंगखार पुनसुम नाम का पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा ऐसा पर्वत है, जिस पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है. इसकी ऊंचाई करीब 24,836 फीट है. साल 1994 में भूटान सरकार ने एक नियम बनाकर 20,000 फीट से ऊपर की किसी भी पर्वत चढ़ाई पर रोक लगा दी. भूटान के लोग इन पर्वतों को पवित्र मानते हैं, इसलिए सरकार ने इस परंपरा को बनाए रखा.
तंबाकू पर पूरी तरह से बैन: भूटान दुनिया का पहला ऐसा देश है, जहां साल 2004 में तंबाकू पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. यहां तंबाकू बेचना, खरीदना या सार्वजनिक जगहों पर इसका सेवन करना कानूनन अपराध है. इस नियम का पालन सख्ती से कराया जाता है और उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है.