Muslims Role in India’s Independence Movement: भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने स्वतंत्रता संग्राम में मुस्लिम धर्म गुरुओं की कुर्बानियों को आम जनता तक पहुंचाने की पहल की है. देश में बिगड़ते सांप्रदायिक सौहार्द के बीच उनकी यह पहल खास मानी जा रही है. इस पहल के तहत वह 12 अगस्त से बच्चों के साथ सभी आयु वर्ग और संप्रदायों के बीच जाएंगे.
Trending Photos
Bhopal News Today: स्वतंत्र दिवस में अब महज एक हफ्ते से भी कम समय बचा है. ऐसे में 79वें गणतंत्र दिवस को लेकर स्कूल, कॉलेज, शासन प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार की तरफ सा खास तैयारियां की जा रही हैं. 15 अगस्त 1947 को देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. आजादी की लड़ाई में देश के लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई.
देश के नायकों में कई लोगों के नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं, जबकि क्रांतिकारियों का कोई जिक्र नहीं है. हालिया कुछ सालों में देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय पर उसकी देश भक्ति को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसको लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने विशेष पहल की है.
राजधानी भोपाल से कांग्रेस विधायक और मुस्लिम नेता आरिफ मसूद ने ऐलान किया है कि वे मुस्लिम धर्म गुरुओं की आजादी के समय दी गई कुर्बानियों को लोगों तक पहुंचाएंगे. यह जानकारी वह हर चौराहे और नुक्कड़ पर बच्चों और विद्यार्थियों को देंगे. कार्यक्रम की शुरुआत 12 अगस्त से की जाएगी.
आरिफ मसूद ने कहा कि देश की आजादी में मुस्लिम धर्म गुरुओं का अहम योगदान रहा है, जिसे नई पीढ़ी को बताना जरूरी है. उनका कहना है कि आज के माहौल में मोहब्बत और एकता का संदेश देना बहुत जरूरी है.
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि कुछ हिंदू संगठनों ने मुस्लिमों से राखी न बंधवाने की अपील की है, तो आरिफ मसूद ने सख्त इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, "नफरत वाले लोग कल भी कामयाब नहीं हुए थे और आज भी नहीं होंगे. पूरा देश मोहब्बत और भाईचारे के साथ राखी मनाएगा. मैं खुद भी मेरी बहनों से राखी बंधवाऊंगा."
प्रदेश में निगम-मंडल के विस्तार की चल रही चर्चाओं पर आरिफ मसूद ने कहा कि यह बीजेपी का आंतरिक मामला है, वह इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करेंगे. हालांकि उन्होंने तंज कसते हुए जरुर कहा, "कांग्रेस के जो नेता उम्मीद लेकर गए थे, पहले तो बीजेपी वाले उनके साथ किए गए वचनों को पूरा करें. नरोत्तम मिश्रा भी लेकर गए थे, उन्हें भी जगह दे दें."
ये भी पढ़ें: मुस्लिम नौजवान के पास आधार और बर्थ सर्टिफिकेट, फिर भी भेज दिया बांग्लादेश