Nuh News: नूह में बूचड़खानों की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों के मुताबिक लोगों को तरह-तरह की हेल्थ से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं और शाम होते ही बदबू पूरे इलाके में फैल जाती है.
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Nuh News: नूह जिले में हालात कंट्रोल से बाहर हैं. इलाके में लगातार फैल रही बदबू, पानी की दिक्कत, प्रदूषण और स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान स्थानीय लोगों ने अब इकट्ठा होकर अपनी आवाज़ उठानी शुरू कर दी है. मेवात संयुक्त संघर्ष समिति और दूसरे सामाजिक संगठनों ने इस गंभीर मुद्दे पर राज्यसभा सांसद संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) से मुलाकात की और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है.
ज्ञापन में कहा गया है कि अब तक 30 से ज़्यादा बूचड़खानों को एनओसी दी जा चुकी है, जिनमें से आठ चल रहे हैं. इसके अलावा, 20 से ज़्यादा मालिक ज़मीन के एक टुकड़े पर कब्ज़ा करने में जुटे हैं. यह सब उस इलाके में हो रहा है जिसे भूजल क्षेत्र घोषित कर दिया है.
लोगों का कहना है कि यहां कचरा खेतों और जल स्रोतों में मिलकर खेती को बर्बाद कर रहा है. ग्रामीण इलाकों में पहले से ही पानी की भारी कमी है, जबकि बूचड़खाने रोज़ाना हज़ारों लीटर पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. शाम होते ही कई किलोमीटर के इलाके में बदबू फैल जाती है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को सांस लेने और सोने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
लोगों का आरोप है कि इन बूचड़खानों की वजह से इलाके में टीबी, चर्म रोग और कैंसर जैसी बीमारियों में चिंताजनक इजाफा देखा जा रही है. संघर्ष समिति ने मांग की है कि सभी नए बूचड़खानों के एनओसी तुरंत बंद किए जाएं, जारी किए गए सभी एनओसी की गहन जांच और सत्यापन किया जाए, प्रत्येक चालू बूचड़खाने का पर्यावरणीय ऑडिट और भौतिक निरीक्षण किया जाए.
गांव के स्कूलों और अस्पतालों से दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले बूचड़खानों को बंद किया जाएं. राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने पूरे मामले को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इसे राज्यसभा में प्रमुखता से उठाएंगे.