Jwala Gutta on Gaza Crisis: गाजा में हालात हर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं. इजराइली बमों के बाद अब खाने पीने की किल्लत की वजह से फिलिस्तीन के लोगों का हाल बेहाल है. भुखमरी और कुपोषण से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर भारत की पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा का बड़ा बयान सामने आया है.
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Gaza Humanitarian Crisis: गाजा में लगातार इजराइली हमलों और यहूदी फौज के जुल्म की इंतेहा ने फिलिस्तीनी लोगों की जिंदगी को त्रासदी में बदल दिया है. रोजाना मौत, तबाही और दर्द के बीच इंसानियत भी सवालों के घेरे में है. इजराइल की नाकाबंदी से गाजा में खाने पीने की किल्लत हो गई, नतीजतन भूख और कुपोषण से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई.
फिलिस्तीनियों की भयावह और दर्दनाक सच्चाई पर पूर्व भारतीय बैडमिंटन स्टार ज्वाला गुट्टा ने भी अपनी बेबसी और दिल को झकझोर देने वाले जज्बे का इजहार किया. एक बयान में ज्वाला गुट्टा ने कहा, "गाजा के लिए खुद को बहुत बेबस महसूस कर रही हूं." उन्होंने आगे कहा, "दर्द, नुकसान और नाइंसाफी, ये हर दिन मेरा दिल तोड़ रही हैं और इंसानियत पर से जो थोड़ा बहुत भरोसा बचा था, वो भी खत्म होता जा रहा है."
यह बयान न सिर्फ फिलिस्तीनी अवाम की इजराइली जुल्म के सामने बेबसी को बयां करने के लिए काफी है. इजराइली जुल्म का अब पूरी दुनिया में विरोध हो रहा है. जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इजराइल सेना और नेतन्याहू सरकार के हर गुनाह उनका साथ देने वाला अमेरिका का दिल पिघलता नजर आ रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार गाजा में भुखमरी संकट की बात को कबूल किया है. महीनों तक सवालों से बचने के बाद अब ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका गाजा की और ज्यादा मदद करेगा. बीते सोमवार (28 जुलाई) को स्कॉटलैंड में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में फूड सेंटर्स खोलने का वादा किया.
इससे पहले मशहूर एक्ट्रेस आलिया भट्ट की मां वेटरेन एक्ट्रेस सोनी राजदान ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये गाजा का समर्थन किया था. उन्होंने इजराइल को आड़े हाथों लेते हुए अपने नाना की एक कहानी शेयर करते हुए लिखा, "उनके नाना को हिटलर का विरोध करने पर जर्मनी से निकाल दिया गया था और फिर उन्हें दोबार कभी वापस देश में न घुसने की चेतावनी दी थी."
सोनी राजदान ने आगे लिखा कहा, "मेरे नाना में तानाशाह के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत थी. जब मैं आज फिलिस्तीन में हो रही जुल्म ज्यादती को देखती हूं, तो सोचती हूं कि अच्छा हुआ वो आज जिंदा नहीं हैं, वरना यह सब देखकर टूट जाते. जिन लोगों को बचाने के लिए उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कड़ा संघर्ष किया, वही आज दूसरों पर जुल्म ढा रहे हैं."
बता दें, 7 अक्टूबर 2023 से इजराइल लगातार गाजा में हवाई और जमीनी रास्ते से हमले कर रहा है. आलम यह है कि मानवीय सहायता के लिए लाइन में लगे लोगों पर इजराइली फौज गोलिया बरसा रही है. अक्टूबर 2023 से अब तक इजराइली हमलों में 60 हजार 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1 लाख 45 हजार 870 लोग घायल हो गए हैं. इसके अलावा 11 हजार लोग लापता हैं.
इजराइली नाकाबंदी की वजह से गाजा में खाने पीने की चीजों की किल्लत हो गई है. बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है. गाजा पट्टी में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. अल जजीरा और WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2025 से अब तक भूख और कुपोषण से 88 बच्चों की मौत हो चुकी है. कुल आंकड़ा अब 147 मौतों तक पहुंच चुका है.
मार्च 2025 में इजराइल के जरिये लगाए गए ब्लॉकेड की वजह से खाद्य आपूर्ति ठप है और स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं. WHO के मुताबिक, गाजा में सिर्फ चार कुपोषण उपचार केंद्र बचे हैं और वे भी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं. यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ महीनों में 71,000 बच्चे गंभीर कुपोषण की चपेट में आ सकते हैं.
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