Bullet Train in India: भारत में ट्रेन का लेट होना आम बात है. लेकिन ट्रेन के 35 सेकंड लेट होने पर आपको टिकट का पैसा वापस मिल जाए तो क्या ही कहेंगे. जी हां, ऐसा ही मामला सामने आया है जापान शिंकनसेन ट्रेन को लेकर. आइए जानते हैं पूरा मामला-
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Bullet Train Delayed By 35 Second: आप भारत में ट्रेन से सफर करते हैं तो ट्रेन का 10-5 का लेट हो जाना आम बात है. अगर भारतीय रेल को किसी स्टेशन पर 7 बजे पहुंचना है और वो 7.10 पर भी पहुंच गई तो लोग यही कह देते हैं कि 'ट्रेन ने समय से छोड़ दिया...'! कुछ ट्रेनें तो घंटों की देरी से सफर करती हैं. लेकिन जापान में कंडीशन एकदम अलग है. जापान की शिंकनसेन बुलेट ट्रेन के 35 सेकंड की देरी से चलने पर कंडक्टर ने यात्रियों से माफी मांगी. इतना नहीं कंडक्टर की तरफ से यात्रियों के टिकट का पैसा भी वापस कर दिया गया. जापान की इस घटना की उदय कोटक ने जमकर तारीफ की है.
शिंकनसेन ट्रेन का एवरेज डिले टाइम 24 सेकंड
इस वाकये से जापान और जापानियों का समय के प्रति अनुशासन दिखता है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार शिंकनसेन ट्रेन का एवरेज डिले टाइम 24 सेकंड है. इस बारे में सेंट्रल जापान रेलवे कंपनी की तरफ से 2016 में जानकारी दी गई थी. लेकिन इससे ज्यादा 35 सेकंड की देरी होने को जापान में गंभीरता से लिया गया. कंडक्टर ने ट्रेन के लेट होने पर तुरंत माफी मांगी और यात्रियों को उनका टिकट का पैसा रिफंड कर दिया. यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह का मामला सामने आया हो. जापान में पहले भी टाइम की पाबंदी को लेकर इस तरह की पाबंदियां सामने आ चुकी हैं.
20 सेकंड की देरी पर मांगी थी माफी
साल 2017 में त्सुकुबा एक्सप्रेस के तय टाइम से 20 सेकंड पहले ट्रेन चलाने के लिए माफी मांगी थी. 2018 में एक शिंकनसेन ऑपरेटर ने 25 सेकंड पहले ट्रेन चलाने को 'अक्षम्य' बताकर माफी मांगी थी. जापान की टाइम की पाबंदी से जुड़ी इस जानकारी को कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक (Uday Kotak) ने एक्स पर शेयर किया. उन्होंने अपने एक्स (X) अकाउंट पर लिखा, 'जापान की शिंकनसेन ट्रेन को 35 सेकंड देर हुई! कंडक्टर ने सभी यात्रियों से माफी मांगी और टिकटों का रिफंड दिया! जापान वाकई अनुशासन और प्रतिबद्धता का अद्भुत देश है, जिससे हमें सीखना चाहिए.' उनकी एक्स पर की गई यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई.
Japanese bullet train Shinkansen was delayed by 35 seconds! The conductor apologised to all passengers and refunded their tickets! Japan is truly an amazing nation of discipline and commitment for all of us to learn from. pic.twitter.com/80yJWkxivN
— Uday Kotak (@udaykotak) August 9, 2025
यूजर्स ने क्या लिखा?
यूजर्स की तरफ से जापान की इस घटना की काफी चर्चा की गई. एक यूजर ने लिखा, 'यह दूसरों के समय का सम्मान है, जो इकोनॉमी पर पॉजिटिव असर डालता है.' दूसरे ने लिखा, 'भारत में लोग शायद रिफंड भी नहीं लेते. यही सांस्कृतिक अंतर है.' एक और यूजर ने रिएक्शन देते हुए लिखा, 'भारत में देरी आम बात है, यहां माफी की उम्मीद कोई नहीं करता.' भारत में ट्रेनों की देरी को सामान्य माना जाता है, जबकि जापान का समय के प्रति सम्मान और अनुशासन हम सभी के लिए एक मिसाल है. यह पब्लिक ट्रांसपोर्ट में दक्षता और अनुशासन का शानदार उदाहरण है.
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