अमेरिका के 10% एक्स्ट्रा टैरिफ से नहीं डरेगा भारत! सरकार के पास तैयार है प्लान-बी, व्यापार को मिलेगा नया रास्ता
Advertisement
trendingNow12839779

अमेरिका के 10% एक्स्ट्रा टैरिफ से नहीं डरेगा भारत! सरकार के पास तैयार है प्लान-बी, व्यापार को मिलेगा नया रास्ता

अमेरिका द्वारा भारत समेत BRICS देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की संभावित चेतावनी के बीच, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च रिपोर्ट ने राहत भरी तस्वीर पेश की है.

अमेरिका के 10% एक्स्ट्रा टैरिफ से नहीं डरेगा भारत! सरकार के पास तैयार है प्लान-बी, व्यापार को मिलेगा नया रास्ता

अमेरिका द्वारा भारत समेत BRICS देशों पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की संभावित चेतावनी के बीच, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट ने राहत भरी तस्वीर पेश की है. रिपोर्ट का कहना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौता वैसा नहीं होता जैसा उम्मीद की जा रही है और भारत पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ भी लगाया जाता है, तब भी भारत के पास अपने निर्यात को बढ़ाने और ग्लोबल ट्रेड में नए अवसर तलाशने के पर्याप्त रास्ते हैं.

SBI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब ऐसे मुकाम पर है जहां वह अमेरिका और एशिया के प्रभावित बाजारों में केमिकल्स, वस्त्र, कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फूड जैसे सेक्टर्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है. रिपोर्ट कहती है कि भारत के पास लचीलापन और क्षेत्रीय क्षमता है जिससे वह ग्लोबल टैरिफ झटकों को अवसर में बदल सकता है.

केमिकल सेक्टर में नई उम्मीद
रिपोर्ट के अनुसार भारत के पास केमिकल और फार्मा सेक्टर में कॉम्पिटेटिव फायदे है. वर्तमान में अमेरिका अपने केमिकल आयात में चीन और सिंगापुर पर ज्यादा निर्भर है, लेकिन अगर भारत इन देशों से 2% हिस्सेदारी भी हथियाता है तो GDP में 0.2% की बढ़ोतरी हो सकती है. इसी तरह जापान, दक्षिण कोरिया और मलेशिया से भी 1% हिस्सेदारी हासिल कर भारत GDP में 0.1% की और बढ़ोतरी दर्ज कर सकता है. रिपोर्ट सुझाव देती है कि भारत को टैरिफ दरें 25% से नीचे लाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उसकी कीमत कॉम्पिटिशन बनी रहे.

कपड़ों के सेक्टर में बढ़ेगा दबदबा
भारत वर्तमान में अमेरिका के वस्त्र आयात में करीब 6% हिस्सेदारी रखता है. अमेरिका द्वारा बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया पर नए टैरिफ लागू करने से भारत को एक्स्ट्रा 5% बाजार हिस्सेदारी प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. रिपोर्ट का अनुमान है कि इससे भारत की GDP में 0.1% की और बढ़ोतरी हो सकती है, बशर्ते कि उत्पादन लागत, डिलीवरी टाइम और स्केल मैन्युफैक्चरिंग में सुधार किया जाए.

एशियाई बाजारों में नए मौके
SBI की रिपोर्ट यह भी बताती है कि अमेरिका द्वारा कई एशियाई देशों पर टैरिफ बढ़ाने से इन देशों को वैकल्पिक सप्लाइयर की तलाश होगी और भारत यहां बड़ी भूमिका निभा सकता है. जिन उत्पादों में संभावनाएं हैं उनमें शामिल हैं-
* कृषि उत्पाद
प्रोसेस्ड फूड
पशु और वनस्पति आधारित उत्पाद
स्क्रैप मेटल और रीसायकल मटेरियल

फार्मा और आयुष सेक्टर को बढ़ावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर नॉन-टैरिफ बैरियर्स को हटाया जाए तो भारतीय जेनरिक दवाएं, ऑर्गेनिक फूड और आयुष उत्पादों का निर्यात $1-2 बिलियन तक बढ़ सकता है. वर्तमान में रेगुलेटरी अड़चनों के कारण ये उत्पाद अमेरिका और अन्य विकसित बाजारों में सीमित पैमाने पर जा पाते हैं.

ASEAN से बढ़ता घाटा और सुधार की जरूरत
रिपोर्ट ने भारत और ASEAN देशों के बीच बढ़ते व्यापार घाटे पर भी चिंता जताई है, जो FY21 में $16 बिलियन से बढ़कर FY25 में $45 बिलियन तक पहुंच गया है. इसके लिए ASEAN-India FTA में "Rules of Origin" की कमजोरियों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसके कारण चीन से माल ASEAN के जरिए भारत में डंप हो रहा है.

About the Author
author img

TAGS

Trending news

;