UPI Tranjection Charge: अभी आपको कोई चीज खरीदनी हो तो आप झट से यूपीआई कर देते हैं. यूपीआई का यह प्रोसेस आपको आसान लगता है क्योंकि इससे आपको जितने पैसे देने हैं, उतने ही कटते हैं यानी कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं. लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा और इस पर सरकार की तरफ से चार्ज लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं पूरा प्लान?
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Sanjay Malhotra on UPI: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति पॉलिसी का ऐलान किया. रेपो रेट में लगातार तीन बार किसी बदलाव किये जाने के बाद इस बार इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. एमपीसी (MPC) के ऐलान के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि यूपीआई (UPI) हमेशा मुफ्त नहीं रहेगा. आरबीआई गवर्नर के मुंह से जिसने भी यह सुना, वह एक बार तो भौचक्का रह गया. उन्होंने डिजिटल पेमेंट सिस्टम को चलाने के लिए लोकल फंडिंग पर जोर दिया.
'कोई न कोई तो इस लागत को उठाएगा'
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग के बाद मल्होत्रा ने कहा मैंने कभी भी यह नहीं कहा कि यूपीआई को यूज करना हमेशा फ्री रहेगा. यूपीआई ट्रांजेक्शन में लागत आती है और इसे किसी को तो देना ही होगा. मल्होत्रा ने यह भी कहा, 'इस लागत का भुगतान कौन करता है, यह एक सवाल है. जरूरी यह है कि इस लागत को कोई न कोई उठाए. सिस्टम को लंबे समय तक चलाने के लिए वह चाहे ग्रुप लेवल पर हो या पर्सनली हो, इस लागत को देना होगा.' उनके इस बयान से यह साफ है कि यूपीआई की फ्री सर्विस में जल्द बदलाव किया जा सकता है.
डिजिटल पेमेंट में UPI दुनियाभर में सबसे आगे
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई दुनियाभर में डिजिटल पेमेंट में सबसे आगे है. इसने वीजा दुनियाभर में लोकप्रिय (Visa) को भी पीछे छोड़ दिया है. देश में 85% डिजिटल पेमेंट और ग्लोबल लेवल पर 60% ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिये हो रहे हैं. जून 2025 में यूपीआई ने 18.39 अरब ट्रांजेक्शन के साथ 24 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन किया, जो कि पिछले साल के मुकाबले 32% ज्यादा है.
आईसीआईसीआई बैंक लगा रहा चार्ज!
ईटी वेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की तरफ से 1 अगस्त 2025 से यूपीआई ट्रांजेक्शन करने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स पर चार्ज लगाना शुरू कर दिया है. हालांकि, बैंक की तरफ से इसको लेकर किसी तरह की ऑफिशियल जानकारी शेयर नहीं की गई है. सूत्रों की तरफ से यह भी कहा जा रहा है कि बैंक की तरफ से जून के आखिर में इसकी जानकारी दी गई थी.
कैश का फिर बढ़ेगा चलन?
डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए एनपीसीआई (NPCI) की तरफ से यूपीआई को लॉन्च किया गया था. इसके चलन में आने के बाद कैश ट्रांजेक्शन कम हुआ और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा. मल्होत्रा के बयान के अनुसार बैंकों की तरफ से यूपीआई पेमेंट पर नए शुल्क का संकते मिल रहा है. ऐसे में यूपीआई की फ्री सर्विस जल्द पेड सर्विस में बदल सकती है.
किस पर पड़ेगा चार्ज?
अभी तक यह साफ नहीं है कि यदि यूपीआई सर्विस पर चार्ज लगाया जाता है तो दुकानदार को देना होगा या ग्राहक को. लेकिन पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि यदि यूपीआई पेमेंट पर आने वाले समय में चार्ज लगाया जाता है तो यह दुकानदार को देना पड़ सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि एक निश्चित लिमिट से ऊपर का ट्रांजेक्शन करने पर एक निश्चित प्रतिशत मर्चेंट को देना होगा.