Stock Market News: SEBI की तरफ से अपने हालिया कंसलटेशन पेपर में सुझाव दिया गया है कि AIF में इनवेस्टर की योग्यता तय करने के लिए न्यूनतम एक करोड़ के निवेश की शर्त को धीरे-धीरे हटाया जाए.
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SEBI AIF Schemes: शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने नए अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड (AIF) योजना का प्रस्ताव दिया है. यह केवल 'एक्रीडेटिड इनवेस्टर्स' के लिए होगी. सेबी (SEBI) की तरफ से बताया गया कि इस तरह की स्पेशल स्कीम को नॉर्मल एआईएफ (AIF) के मुकाबले कम नियमों का पालन करना होगा. एक्रीडेटिड इनवेस्टर ऐसे निवेशक हैं जो सेबी (SEBI) की तरफ से तय किये गए वेल्थ, नेटवर्थ और इनकम से जुड़े क्राइटएरिया को पूरा करते हैं.
SEBI ने अपने कंसलटेशन पेपर में दिया यह सुझाव
उदाहरण के लिए प्रोपराइटरशिप, HUF या फैमिली ट्रस्ट के लिए सालाना 2 करोड़ रुपये की आमदनी या 7.5 करोड़ रुपये की कुल नेटवर्थ, जिसमें 3.75 करोड़ रुपये फाइनेंशियल एसेट होना जरूरी है. SEBI की तरफ से मान्यता प्राप्त एजेंसी, जैसे स्टॉक एक्सचेंज या CDSL वेंचर्स लिमिटेड तय नॉर्मस के आधार पर मान्यता देती है. SEBI की तरफ से अपने हालिया कंसलटेशन पेपर्स में सुझाव दिया है कि AIF में निवेशकों की योग्यता तय करने के लिए न्यूनतम एक करोड़ के निवेश की शर्त को धीरे-धीरे हटाया जाए.
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शेयरहोल्डर 29 अगस्त तक दे सकते हैं अपनी राय
इसके बजाय केवल एक्रीडेटिड इनवेस्टर्स की स्थिति का नियम बनाया जाएगा. इस प्रस्ताव पर शेयरहोल्डर 29 अगस्त तक अपनी राय दे सकते हैं. इस बदलाव के दौरान दोनों नियम (न्यूनतम निवेश और मान्यता) साथ-साथ लागू रहेंगे. सेबी की तरफ से कहा गया कि केवल एक्रीडेटिड इनवेस्टर्स के लिए बनाई गई योजनाओं को कई छूट मिल सकती हैं. इन योजनाओं में निवेशकों को समान अधिकार देने की अनिवार्यता से छूट मिल सकती है, बशर्ते प्रत्येक निवेशक इसकी मंजूरी दे.
दो-तिहाई सहमति से 5 साल तक बढ़ाया जा सकेगा
इसके अलावा इन योजनाओं की अवधि को निवेशकों की दो-तिहाई सहमति से पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. इनवेस्टर टीम के प्रमुख सदस्यों को NISM सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि मान्यता प्राप्त निवेशक स्वतंत्र रूप से जांच कर सकते हैं. ऐसी योजनाओं में 1,000 निवेशकों की मौजूदा लिमिट लागू नहीं होगी. SEBI की तरफ से कहा गया कि ऐसी योजनाओं में ट्रस्ट की जिम्मेदारियों को AIF का मैनेजर ही निभाएगा.
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हालांकि, मौजूदा समय में एक्रीडेटिड इनवेस्टर्स की संख्या कम है. लेकिन सेबी को उम्मीद है कि हाल के नियामक बदलावों से यह संख्या बढ़ेगी. सेबी ज्यादा मान्यता एजेंसियों को शामिल करने, कॉम्पटीशन बढ़ाने और रीकॉग्नाइजेशन प्रोसेस को और आसान करने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह प्रस्ताव निवेशकों और AIF के लिए नए मौके खोल सकता है. इसके अलावा रेग्युलेटर प्रोसेस को और आसान बना सकता है.