भारत की तरफ से हर साल अमेरिका को 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के समुद्री प्रोडक्ट निर्यात किये जाते हैं. लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि बिना तत्काल हस्तक्षेप के यह बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.
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Trump Tariff Effect: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दी गई टैरिफ छूट खत्म होने के बाद भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लगा है. 7 अगस्त से अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ लागू कर दिया है. आने वाली 27 अगस्त से यह बढ़कर 50% पर पहुंच सकता है. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बिगड़े हैं और बड़े ऑर्डर रुक गए हैं. ट्रंप की तरफ से लगाए गए नए टैरिफ का असर तुरंत और गंभीर हो रहा है. भारत और अमेरिका के कारोबारियों की रातों की नींद दांव पर लगा डील को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
8,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी!
एक गारमेंट एक्सपोर्ट कंपनी के सीईओ ने बताया “25% टैरिफ के बाद अमेरिकी खरीदारों को 15% इम्पोर्ट चार्ज देना पड़ रहा है. अगर यह 50% हो गया तो वे इसे सहन नहीं कर पाएंगे. हम ऐसा प्रोडक्ट नहीं बनाते जो कहीं और न मिले. उनकी कंपनी सालाना 600 करोड़ रुपये के ऑर्डर संभालती है और उन्हें डर है कि ऑर्डर रद्द होने से 8,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है.
ज्यादातर अमेरिकी खरीदारों ने शिपमेंट रोकने के लिए कहा
भारत की तरफ से हर साल अमेरिका को 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के समुद्री प्रोडक्ट निर्यात किये जाते हैं. लेकिन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि बिना तत्काल हस्तक्षेप के यह बिजनेस बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. केरल की चॉइस ग्रुप के डायरेक्टर थॉमस जोस, जो 900 करोड़ रुपये के झींगे निर्यात करते हैं ने कहा कि कल रात मेरे ज्यादातर अमेरिकी खरीदारों ने शिपमेंट रोकने के लिए कहा. उनकी तीन पीढ़ियों से चली आ रही कंपनी अब इस टैरिफ जंग को सहन करने की स्थिति में नहीं है.
50% टैरिफ होने पर ऑर्डर कैंसिल होना तय
सूरत के धानी ज्वेल्स के एमडी विजय कुमार मंगुकिया ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में बताया कि कल रात एक अमेरिकी खरीदार ने हीरों की कीमत पर बातचीत करने के लिए कहा. 25% टैरिफ तक कीमत में एडजस्टमेंट संभव है, लेकिन 50% टैरिफ लागू होने पर यह नामुमकिन हो जाएगा. खरीदार लागत को उपभोक्ताओं पर डालने की सोच रहे हैं, लेकिन अगर यह विफल रहा, तो ऑर्डर रद्द होना तय है.
भारत की तरफ से अमेरिका को 28% कपड़ा (करीब 87,525 करोड़ रुपये) की सप्लाई करता है. भारतीय टेक्सटाइल निर्यात संवर्धन काउंसिल के चेयरमैन विजय अग्रवाल ने कहा, “50% टैरिफ को इंडस्ट्री सहन नहीं कर सकती.” अमेरिका को 2 लाख ट्राउजर भेजने वाले एक निर्यातक ने बताया कि खरीदार 25% टैरिफ की बढ़ी लागत सहने को तैयार था, लेकिन और डील नहीं करने पर उसने ऑर्डर बांग्लादेश ट्रांसफर करने की धमकी दी. टीओआई की खबर के अनुसार भारतीय निर्यातकों और अमेरिकी खरीदारों के बीच जियो-पॉलिटिकल टेंशन भी शामिल है.