88% Gen Z बोल रहे हैं इमोजी को 'हां'! क्या अब ऑफिस की भाषा बस 'लाल-पीले फोटो' रह जाएगी?
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88% Gen Z बोल रहे हैं इमोजी को 'हां'! क्या अब ऑफिस की भाषा बस 'लाल-पीले फोटो' रह जाएगी?

Gen Z communication: Gen Z के कर्मचारियों ने कहा कि वे पुराने कर्मचारियों की तुलना में इमोजी रिएक्शन से 2.5 गुना ज्यादा मोटिवेट महसूस करते हैं.

88% Gen Z बोल रहे हैं इमोजी को 'हां'! क्या अब ऑफिस की भाषा बस 'लाल-पीले फोटो' रह जाएगी?

Emoji Impact on Work: एक नए ग्लोबल सर्वे से पता चला है कि काम की जगह पर लोग कैसे बात करते हैं, इसमें एक बड़ा जेनरेशन गेप आ रहा है, और इसमें इमोजी की अहम भूमिका है. वर्कप्लेस सॉफ्टवेयर कंपनी Atlassian के मुताबिक, लगभग 10 में से 9 Gen Z (युवा पीढ़ी) कर्मचारी मानते हैं कि इमोजी बातचीत को ज्यादा असरदार बनाती हैं.

सर्वे क्या कहता है?
YouGov के साथ किए गए इस सर्वे में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और भारत के 10,000 ऑफिस कर्मचारियों को शामिल किया गया था. इसका मकसद यह समझना था कि आज के कर्मचारी, खासकर डिजिटल मीडियम पर, कैसे जुड़ते हैं.

नतीजे साफ हैं: Gen Z इमोजी को सिर्फ मैसेज को फैंसी बनाने के लिए नहीं, बल्कि मैसेज का एक जरूरी हिस्सा मानते हैं, जिसे बताना है.

सबको इमोजी पसंद नहीं!

लेकिन हर कोई इस बात से सहमत नहीं है. Gen X और बेबी बूमर कर्मचारियों में से आधे से भी कम मानते हैं कि ऑफिस में इमोजी का कोई स्थान है.

रिपोर्ट बताती है कि यह बेमेल, खासकर जब चैट और ईमेल जैसे कम्युनिकेशन ज्यादा आम हो रहे हैं, तो वर्कप्लेस पर तनाव बढ़ा सकता है. लगभग 93% कर्मचारियों का कहना है कि वे नियमित रूप से लिखित रूप में बातचीत करते हैं; 44% ने कहा कि यह उनका मेन कॉन्टेक्ट तरीका है.

इमोजी क्यों जरूरी हैं Gen Z के लिए?

यह बहस सिर्फ लहजे के बारे में नहीं है, बल्कि समय बर्बाद होने के बारे में भी है. लगभग 48% Gen Z कर्मचारी कहते हैं कि वे हर हफ्ते सहकर्मियों के अनक्लियर मैसेज को समझने में घंटों बर्बाद करते हैं. वे अपने बड़े साथियों की तुलना में रोजाना भ्रमित करने वाले कम्युनिकेशन का सामना करने की संभावना चार गुना ज्यादा रखते हैं.

रिपोर्ट इमोजी को 'डिजिटल बॉडी लैंग्वेज' कहती है. यह सिर्फ इतना ही नहीं कि क्या कहा जा रहा है, बल्कि कैसे कहा जा रहा है, फुल स्टॉप, जवाब देने की स्पीड, लहजा, और हां, इमोजी भी. Gen Z इन निशानों का उपयोग मूड, तत्कालता या कनेक्शन को समझने के लिए करते हैं, खासकर ऐसी जगहों पर जहां आमने-सामने के इशारे नहीं होते.

Atlassian के वर्क फ्यूचरिस्ट, डोमिनिक प्राइस ने कहा कि यह बदलाव जरूरी है. "ईमेल, DM, स्लैक थ्रेड्स, जूम चैट्स, अब सब कुछ डिजिटल है. और हममें से बहुतों के लिए, यह बदलाव एक सीखने का एक्सपीरिएंस रहा है."

भारत में बढ़ता Gen Z का प्रभाव

भारत में बदलती वर्कफोर्स की स्थिति भी इस रुझान का हिस्सा है. BCG-Snap Inc की रिपोर्ट के अनुसार, Gen Z भारत के वर्कफोर्स का 25% हिस्सा बनाते हैं, और 2035 तक यह संख्या 47% तक पहुंचने का अनुमान है. इनमें से कई Gen Z ने महामारी के दौरान या उसके बाद काम करना शुरू किया, और उनके लिए काम ऑनलाइन ही शुरू हुआ.

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और यह पता चला है कि इमोजी मोटिवेशन को भी प्रभावित कर सकते हैं. Gen Z के कर्मचारियों ने कहा कि वे पुराने कर्मचारियों की तुलना में इमोजी रिएक्शन से 2.5 गुना ज्यादा मोटिवेट महसूस करते हैं. लगभग दो-तिहाई ने यह भी कहा कि वे इमोजी वाले मैसेज पढ़ने की ज्यादा संभावना रखते हैं.

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