इंटरव्यू के बाद नहीं आया फोन? 7 वजह जो बताती हैं खामोशी का राज और अब आपको क्या करना चाहिए!
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इंटरव्यू के बाद नहीं आया फोन? 7 वजह जो बताती हैं खामोशी का राज और अब आपको क्या करना चाहिए!

Preparing For Job Interview Questions: याद रखें, हर खामोशी का मतलब असफलता नहीं होता. यह बस एक और कदम है जो आपको आपकी अगली बड़ी उपलब्धि की ओर ले जा रहा है.

इंटरव्यू के बाद नहीं आया फोन? 7 वजह जो बताती हैं खामोशी का राज और अब आपको क्या करना चाहिए!

Job Interview Follow-Up: आपकी मेहनत, तैयारी और उम्मीदें, सब इंटरव्यू के उस आधे या एक घंटे में सिमट जाती हैं. जब इंटरव्यू अच्छा जाता है, तो लगता है कि बस अब ऑफर लेटर आने ही वाला है. लेकिन फिर दिन, हफ्ते और कभी-कभी महीने बीत जाते हैं, और उधर से कोई फोन या ईमेल नहीं आता. यह खामोशी बड़ी निराशाजनक हो सकती है. आखिर इस खामोशी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? और सबसे अहम, अब आपको क्या करना चाहिए?

1. कोई बेहतर उम्मीदवार मिल गया

ये सबसे आम वजह है. भले ही आपका इंटरव्यू अच्छा गया हो, हो सकता है किसी दूसरे उम्मीदवार का अनुभव, स्किल या व्यक्तित्व उस भूमिका के लिए आपसे बेहतर फिट बैठा हो.

आप क्या कर सकते हैं: इसे व्यक्तिगत रूप से न लें. हर नौकरी आपके लिए नहीं होती. अपनी गलतियों से सीखें और अगली बार और बेहतर तैयारी करें.

2. हायरिंग प्रक्रिया धीमी होना

कई बार कंपनियों की हायरिंग प्रक्रिया काफी धीमी होती है. अलग-अलग विभागों से अप्रूवल लेने, बजट की समस्याओं या किसी और कारण से फैसला लेने में देर हो सकती है.

आप क्या कर सकते हैं: इंटरव्यू के अंत में हमेशा अगले कदमों और टाइमलाइन के बारे में पूछें. अगर बताई गई समय-सीमा पार हो गई है, तो एक फॉलो-अप ईमेल भेजें, लेकिन बार-बार परेशान न करें.

3. आपकी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

हो सकता है कि आपके रिज्यूमे या शुरुआती बातचीत ने बहुत ज़्यादा उम्मीदें जगा दी हों, और इंटरव्यू में आप उन पर खरे नहीं उतर पाए हों. या शायद आपने कंपनी की उम्मीदों को ठीक से समझा ही न हो.

आप क्या कर सकते हैं: अपने इंटरव्यू का ईमानदारी से आकलन करें. क्या कोई ऐसा सवाल था जहां आप लड़खड़ाए? क्या आप अपनी बातों को प्रभावी ढंग से रख पाए? अगले इंटरव्यू के लिए इन पॉइंट्स पर काम करें.

4. फीडबैक देने में हिचकिचाहट

कुछ कंपनियां उन उम्मीदवारों को फीडबैक नहीं देतीं जिन्हें नहीं चुना जाता. या तो उनके पास समय नहीं होता, या वे कानूनी पचड़ों से बचना चाहते हैं.

आप क्या कर सकते हैं: यह कंपनी की नीति हो सकती है. अगर आपको फॉलो-अप के बाद भी जवाब नहीं मिलता, तो ज़्यादा जोर न दें.

5. आपके अनुभव में कमी

भले ही आप नौकरी की डिटेल से मेल खाते हों, लेकिन हो सकता है कि उन्हें ऐसे उम्मीदवार की जरूरत हो जिसके पास उस विशेष भूमिका के लिए ज्यादा स्पेशिफिक या डीप एक्सपीरिएंस हो.

आप क्या कर सकते हैं: उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां आपको एक्सपीरिएंस की कमी महसूस हुई. अपने स्किल को बढ़ाने या उस तरह के अनुभव को हासिल करने पर काम करें.

6. कल्चर फिट का न होना

कंपनियां सिर्फ स्किल ही नहीं देखतीं, वे यह भी देखती हैं कि आप उनकी टीम और कंपनी के कल्चर में कितने फिट बैठते हैं. हो सकता है कि आपका व्यक्तित्व या काम करने का तरीका उनके मौजूदा माहौल से मेल न खाता हो.

आप क्या कर सकते हैं: कंपनी के कल्चर पर रिसर्च करें. इंटरव्यू में दिखाएं कि आप टीम प्लेयर हैं और उनके माहौल में फिट हो सकते हैं.

7. अनजाने में की गई कोई गलती

कभी-कभी छोटी-छोटी बातें भी मायने रखती हैं. जैसे, इंटरव्यू में देर से पहुंचना, इंटरव्यूअर से ठीक से बात न करना, या बाद में थैंक यू नोट न भेजना.

आप क्या कर सकते हैं: हमेशा प्रोफेशनल और विनम्र रहें. इंटरव्यू के बाद एक अच्छा थैंक यू ईमेल भेजना न भूलें.

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अब क्या करें?

एक फॉलो-अप ईमेल भेजें: इंटरव्यू के 24-48 घंटे के भीतर एक शॉर्ट और प्रोफेशनल थैंक यू ईमेल भेजें. यदि 10-14 दिनों में कोई जवाब नहीं आता, तो एक और सौम्य फॉलो-अप कर सकते हैं.

दूसरों पर ध्यान दें: एक इंटरव्यू के भरोसे न रहें. लगातार अन्य नौकरियों के लिए आवेदन करते रहें.

अपनी गलतियों से सीखें: हर इंटरव्यू एक सीखने का मौका है. खुद का आकलन करें और अगली बार बेहतर करने की कोशिश करें.

पॉजिटिव रहें: रिजेक्शन जिंदगी का हिस्सा है. आत्मविश्वास बनाए रखें और अपना बेस्ट देना जारी रखें.

याद रखें, हर खामोशी का मतलब असफलता नहीं होता. यह बस एक और कदम है जो आपको आपकी अगली बड़ी उपलब्धि की ओर ले जा रहा है.

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