Success Story: किसान का बेटा बनेगा गांव का पहला डॉक्टर, पहले प्रयास में क्रैक किया NEET, अब करेगा MBBS की पढ़ाई
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Success Story: किसान का बेटा बनेगा गांव का पहला डॉक्टर, पहले प्रयास में क्रैक किया NEET, अब करेगा MBBS की पढ़ाई

NEET Success Story: मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव राजपुर खेड़ा से आने वाले रामबाबू डांगी अपने गांव के पहले लड़के हैं, जिन्होंने नीट यूजी क्रैक किया है और अब MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनने जा रहे हैं. 

 

Success Story: किसान का बेटा बनेगा गांव का पहला डॉक्टर, पहले प्रयास में क्रैक किया NEET, अब करेगा MBBS की पढ़ाई

Rambabu Dangi NEET Success Story: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) यूजी देश की सबसे कठिन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में से एक है. जिसे हर साल नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाता है और लाखों कैंडिडेट इसमें शामिल होते हैं. नीट यूजी की परीक्षा देश के अलग-अलग मेडिकल और डेंटल प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस (MBBS) और बीडीएस (BDS) पाठ्यक्रमों में छात्रों के प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है. ऐसे में इस परीक्षा को क्रैक करना एक बड़ी उपलब्धि है. खासकर उन छात्रों के लिए जो सीमित संसाधनों में कई चुनौतियों का सामना करते हुए इसे क्रैक करते हैं. आइए आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार के बारे में बताते हैं. 

रामबाबू डांगी
हम बात कर रहे हैं रामबाबू डांगी की, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव राजपुर खेड़ा के निवासी हैं. रामबाबू एक सामान्य परिवार से आते हैं. उनके पिता रतनलाल किसान हैं और मां भगवती बाई गृहणी हैं. रामबाबू के पिता अपने 10 बीघा जमीन के सहारे बेटे की पढ़ाई करवा रहे हैं. पिता के संघर्षों को समझते रामबाबू ने मेहनत और लगन से नीट यूजी की तैयारी की और 2025 की परीक्षा में पहला अटेंप्ट दिया. पहले ही प्रयास में उन्होंने 720 में से 530 अंक हासिल किए. यहां खास बात यह है कि 700 के आबादी वाले अपने गांव में रामबाबू पहले लड़के हैं, जिन्होंने नीट की परीक्षा पास किया है और अब MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर बनने जा रहे हैं. 

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10वीं में 86% और 12वीं में 92%
रामबाबू शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी होशियार थे. वो डेली 25 किलोमीटर की दूरी तय कर बर से स्कूल जाया करते थे. पढ़ाई के साथ जब भी रामबाबू को सयम मिलता था, वो अपने पिता का खेतों में हाथ बटाया करते थे. रामबाबू ने 10वीं में 86% अंक हासिल किए थे. इसके बाद ही उन्होंने मन बना लिया था कि वो नीट की तैयारी करेंगे और आगे डॉक्टर बनेंगे. नीट की तैयारी के लिए वो कोटा चले गए, जहां उन्होंने 11वीं के साथ नीट की तैयारी की. वहीं, 12वीं बोर्ड में रामबाबू ने 92% अंक प्राप्त किए थे. 

रामबाबू का लक्ष्य नीट में 650 अंक हासिल करने का था, लेकिन पेपर काफी कठिन होने के कारण वो अपने टारगेट को अचीव नहीं कर पाए. उन्होंने OBC-NCL कैटेगरी में 10,816वीं रैंक हासिल की. जानकारी के लिए बता दें, नीट यूजी 2025 की परीक्षा में शामिल होने वाले कुल 12,36,531 उम्मीदवार सफल हुए हैं. 

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दीपा मिश्रा

दीपा ज़ी न्यूज में सब एडिटर. दरभंगा की रहने वाली दीपा मिश्रा ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत ज़ी न्यूज़ से की. एजुकेशन डेस्क पर काम कर रही हैं. पत्रकारिता के साथ नई जानकारियों को इकट्ठा ...और पढ़ें

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