FD तोड़ी, शेयर बेचे... तीन महीने तक रहीं 'डिजिटल अरेस्ट', साइबर ठग ने महिला डॉक्टर से वसूले 20 करोड़, गुजरात के सबसे बड़ा स्कैम का पर्दाफाश
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FD तोड़ी, शेयर बेचे... तीन महीने तक रहीं 'डिजिटल अरेस्ट', साइबर ठग ने महिला डॉक्टर से वसूले 20 करोड़, गुजरात के सबसे बड़ा स्कैम का पर्दाफाश

Gandhinagar Cybercrime: भारत में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. इस घोटाले में गांधीनगर की एक महिला डॉक्टर को बेहद ही शातिर संगठित साइबर क्रिमिनल गिरोह ने ₹19.24 करोड़ की भारी-भरकम ठगी का शिकार बनाया है.

 

FD तोड़ी, शेयर बेचे... तीन महीने तक रहीं 'डिजिटल अरेस्ट', साइबर ठग ने महिला डॉक्टर से वसूले 20 करोड़, गुजरात के सबसे बड़ा स्कैम का पर्दाफाश

Gujarat Crime: गुजरात का सबसे बड़ा डिजिटल स्कैम का खुलासा हुआ है. यहां गांधीनगर में साइबर ठगी करने वालों के एक गिरोह ने एक महिला को धमकाकर 19.24 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए हैं. महिला डॉक्टर को 3 महीने के लिए डिजिटल अरेस्ट भी किया गया था. सीआईडी क्राइम की टीम ने सूरत से एक शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसके खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. एक तरफ गुजरात में साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता अभियान चल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ गांधीनगर की एक महिला डॉक्टर डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई है. महिला पेशे से डॉक्टर हैं. महिला की दो बेटियां हैं, जो विदेश में रहती हैं.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, महिला डॉक्टर गांधीनगर में रहती हैं. 15 मार्च, 2025 को महिला को एक फ़ोन आया. दूरसंचार विभाग से ज्योति विश्वनाथ नाम के एक शख्स ने महिला से कहा कि 'आपके सभी मोबाइल फ़ोन बंद कर दिए जाएंगे, क्योंकि आपके फ़ोन से कई लोगों को बार-बार गलत मैसेज भेजे जा रहे हैं. इसके लिए आपके ख़िलाफ़ FIR दर्ज करानी होगी. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है और इसके लिए भारत सरकार के फ़ेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) अधिनियम और पीएमएलए (धन शोधन निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. आप पर नज़र रखने के लिए सादी वर्दी में पुलिसकर्मी उनके घर के आसपास घूम रहे हैं.'

इसके बाद महिला को पुलिस इंस्पेक्टर और सरकारी वकील के नाम से फ़ोन आए. महिला को किसी अपराध में फंसाने की धमकी दी गई. एक क़ानूनी धमकी भरा पत्र भी भेजा गया. 'अगर इस अपराध से बचना है तो संपत्ति और सारी संपत्तियों की जानकारी दो.' यह कहकर महिला से सारी जानकारी मांगी गई. इसके बाद आरोपी ने असली खेल शुरू किया.

गुजरात की पहली घटना

गुजरात में यह पहली घटना है, जहां एक महिला डॉक्टर को तीन महीने के लिए डिजिटल रूप से गिरफ्तार करके 19.24 करोड़ रुपये का गबन किया गया. यह देश का सबसे बड़ा डिजिटल गिरफ्तारी मामला बन गया है. इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. सूरत के लालजीभाई जयंतीभाई बदलानिया नामक शख्स के खाते में 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है.

महिला ने पैसे चुकाने के लिए FD तोड़ी और शेयर बेचे

महिला ने पैसे चुकाने के लिए घर का सोना भी बेच दिया. डिजिटल रूप से गिरफ्तार महिला डॉक्टर इतनी डरी हुई थी कि उसने तरह-तरह से पैसे इकट्ठा किए. महिलाओं ने पैसे चुकाने के लिए सोने पर लोन लिया, एफडी तोड़ी और शेयर बेचे. इस तरह महिला ने आरोपी को कुल 19.24 लाख रुपये चुकाए.'हमें सरकारी बैंक खाते में कुछ पैसे जमा करने हैं, आपको वापस मिल जाएंगे.' यह कहकर उसने अलग-अलग बैंक खाते ढूंढे और कुल 35 बैंक खातों में पैसे जमा किए गये थे.

वीडियो कॉल के ज़रिए मौजूदगी दर्ज करवाई

गांधीनगर की एक महिला डॉक्टर पर इतना दबाव डाला गया कि वे जहां भी जाती, वीडियो कॉल के ज़रिए मौजूदगी दर्ज कराती और अपनी लोकेशन अपडेट करती रहती. साइबर बदमाशों ने महिला डॉक्टर से उसकी संपत्ति, जायदाद, सोना, एफडी, शेयर, नकदी का सारा ब्योरा मांगा था. महिला ने अंधेरे में रहकर सारी जानकारी दे दी. डॉक्टर के साथ हुई डिजिटल गिरफ्तारी की सबसे बड़ी शिकायत में गुजरात साइबर क्राइम की चार टीमें अलग-अलग जांच कर रही हैं.

इस मामले पर साइबर क्राइम के एसपी धर्मेंद्र शर्मा ने कहा:- 

- घटना की एक हफ्ते पहले रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
- साइबर ठगी करने वालों ने लोगों को डरा-धमकाकर 30 से ज़्यादा खातों में 19 करोड़ से ज़्यादा की रकम ट्रांसफर कर ली है.
- एक खाताधारक को गिरफ्तार किया जा रहा है और लिंक का पता लगाया जा रहा है.
- आगे की जांच जारी है और उम्मीद है कि सफलता मिलेगी.
- जांच के बाद पता चलेगा कि इसमें कोई बाहरी व्यक्ति शामिल है या नहीं.
- मार्च में डिजिटल गिरफ्तारियां हुई थीं. मामला धीरे-धीरे सुलझने की बात कहते हुए रकम ज़ब्त कर ली गई है.
- यह महत्वपूर्ण नहीं है कि पीड़ित के पास यह रकम कहां से आई, लेकिन पीड़ित के तौर पर जांच चल रही है.
- शिकायतकर्ता एक वरिष्ठ नागरिक हैं.
- 30 खातों की जांच की गई है, जिसमें एक को गिरफ्तार किया गया है.
- यह एक बहुत बड़ा गिरोह है. अलग-अलग राज्यों के खाते हैं.
- लेकिन, अभी तक किसी अंतरराष्ट्रीय गिरोह का कनेक्शन सामने नहीं आया है.
- ज़्यादा लोग सोशल मीडिया पर जानकारी देते हैं, जिससे डेटा लीक हो जाता है. इसलिए, सोशल मीडिया पर डेटा की मौजूदगी के कारण, हो सकता है कि लोगों को निशाना बनाया जा रहा हो.
- जब डिजिटल गिरफ्तारियां लंबे वक्त तक चलती हैं, तो पीड़ित व्यक्तिगत रूप से भी जानकारी देते हैं.
- पुलिस अलग-अलग तरीकों से लोगों को साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है.
- इतनी बड़ी रकम की डिजिटल गिरफ्तारी का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। गुजरात में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है.

 FAQs

सवाल: डिजिटल अरेस्ट क्या होता है?
जवाब: डिजिटल अरेस्ट को डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला भी कहा जाता है. यह एक तरह की ऑनलाइन घोटाला है, जिसमें साइबर क्रिमिनल खुद को पुलिस, सरकारी अफसर या अन्य कानूनी एजेंसियों के तौर पर पेश करते हैं, और पीड़ितों को डराकर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. इस दौरान वो पीड़ितों पर गैर-कानूनी में शामिल होने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें डराते और धमकाते हैं.

सवाल: डिजिटल अरेस्ट के मुजरिम को कौन सी सजा मिलती है?

जवाब: डिजिटल अरेस्ट के मुजरि को BNS और आईटी एक्ट के तहत सजा दी जाती है. यह सजा जुर्म की गंभीरता और धाराओं पर निर्भर करती है. लेकिन इस केस आमतौर पर जुर्माना और जेल दोनों सजा शामिल हो सकते हैं.

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