Baroda Maharani: ईशान खट्टर और भूमि पेडनेकर की वेब सीरीज 'द रॉयल्स' कुछ लोगों को कुछ खास पसंद नहीं आई. इसके बावजूद मेकर्स ने इसका दूसरा पार्ट बानने का फैसला किया है. इसी बीच बड़ौदा की असली महारानी ने सीरीज पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इसमें राजघरानों की...
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Baroda Maharani Angry On The Royals: कुछ समय पहले नेटफ्लिक्स पर ईशान खट्टर और भूमि पेडनेकर की वेब सीरीज 'द रॉयल्स' की स्ट्रीमिंग की गई थी. हालांकि, ये सीरीज ज्यादातर लोगों को पसंद नहीं आई, बावजूद इसके मेकर्स अब इसका दूसरा पार्ट बनाने जा रहे हैं, जिसका उन्होंने हाल ही में ऐलान भी किया. इसी बीच 'द रॉयल्स' सीरीज को लेकर बड़ौदा की असली महारानी राधिकाराजे गायकवाड़ ने अपनी नाराजगी जाहिक की.
हाल ही में राधिकाराजे ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर कहा कि सीरीज में भारत के शाही परिवारों को गलत तरीके से दिखाया गया है. उनका कहना है कि आज भी कई राजघराने भारत की संस्कृति और समाज में अहम योगदान दे रहे हैं. राधिकाराजे ने अपने इस नोट को 'द रॉयल इग्नोर' नाम से शेयर किया और लिखा कि भारत के राजा और राजघराने केवल शाही ठाठ-बाठ तक सीमित नहीं हैं.
'द रॉयल्स' पर जमकर भड़कीं महारानी
उन्होंने कहा कि शाही लोग आज भी राजनीति, एजुकेशन, टूरिज्म और समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसे लोगों को गलत ढंग से वेब सीरीज में पेश करना ठीक नहीं है. उन्होंने अफसोस जहताते हुए कहा कि आजादी के बाद से ही राजघरानों की इमेज को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जा रहा है. उन्होंने सीरीज में औरतों के कपड़े और राजाओं के बिहेवियर पर भी नाराजगी जाहिर की.
सीरीज में महिलाओं के कपड़ों पर उठाई आवाज
उन्होंने कहा कि रानियों को केवल शिफॉन की साड़ी और मोतियों में और राजाओं को शराब में डूबा दिखाना एक प्रोपेगेंडा है जो आजादी के बाद फैलाया गया. राधिकाराजे ने बताया कि आजादी से पहले और बाद में राजघरानों ने देश के लिए कई अच्छे काम किए हैं, लेकिन उन बातों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. उन्होंने इन सकारात्मक पहलुओं को भी सामने लाने की मांग की. अपने नोट में उन्होंने भारत की आजादी और रियासतों के योगदान का जिक्र भी किया.
भारत के लिए याद दिया योगदान
राधिकाराजे ने लिखा कि 1947 से पहले देश की 565 रियासतें भारत का 40% हिस्सा थीं. आजादी के वक्त उन्होंने बिना किसी विद्रोह के अपनी जमीन और पहचान लोकतांत्रिक भारत को सौंप दी. सरदार पटेल ने इसे ‘रक्तहीन क्रांति’ कहा था. राधिकाराजे का मानना है कि ये त्याग आज भी सम्मान के लायक है, लेकिन अब इन योगदानों को भुला दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि हां, कुछ शाही लोग गलत भी थे, लेकिन सारे राजघरानों को उसी नजर से देखना गलत है.
सीरीज में कई बातों को किया गया नजरअंदाज
राधिकाराजे ने बताया कि भारत की खासियत ये रही कि यहां के राजा बिना किसी खूनी संघर्ष के सदियों तक शासन करते रहे. जब आजादी का समय आया, तो उन्होंने शांति और गरिमा के साथ अपना शासन छोड़ दिया. लेकिन अब फिल्में और सीरीज इन बातों को नजरअंदाज कर केवल ग्लैमर और नकारात्मकता दिखाती हैं. आखिर में उन्होंने ईशान खट्टर के किरदार पर तंज कसते हुए कहा कि आज के युवा शाही सदस्य अच्छी पढ़ाई करके वापस अपनी जड़ों से जुड़ रहे हैं.
'द रॉयल्स' में नजर आ रहे कलाकार
उन्होंने कहा कि वे अपनी मातृभाषा बोलते हैं. अपनी संस्कृति अपनाते हैं और महलों को भी जीवित रखते हैं. उनका उद्देश्य अपनी विरासत को आज के समय से जोड़कर जीवित रखना है. उन्होंने साफ कहा कि अगर शाही परिवार खुद अपनी कहानी नहीं बताएंगे, तो और कोई नहीं बताएगा. बता दें, ये सीरीज 9 मई को नेटफ्लिकस पर आई थी, जिसको प्रियंका घोष और नूपुर अस्थाना ने साथ में डायरेक्ट किया है. इसमें भूमि पेडनेकर के अलाव ईशान खट्टर, साक्षी तंवर, जीनत अमान भी नजर आ रही हैं.