Sameer Kulkarni: मालेगांव मामले में रिहा होने वाले समीर कुलकर्णी ने कोर्ट से 900 रुपये की मांग की है. समीर का कहना है कि जब उसे गिरफ्तार किया गया था उस समय उसके पास 900 रुपये थे.
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2008 मालेगांव धमाका मामले में फैसला सुनाए जाने के दौरान कोर्टरूम में कुछ दिलचस्प घटनाएं देखने को मिलीं. सातों आरोपियों को बरी कर दिया गया, लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला जो आम तौर पर नहीं होता. कोर्ट के फैसले के बाद रिहा होने वाले एक आरोपी ने कोर्ट से पैसों की मांग की है. उसने कहा कि जब मुझे गिरफ्तार किया गया था तो उस समय मेरे पास 900 रुपये थे, वो लौटा दो.
रिहा होने वाले सामीर कुलकर्णी ने उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि उनकी गिरफ्तारी के समय जो 900 रुपये पुलिस ने जब्त किए थे, उसमें से सिर्फ 750 रुपये ही कागजों में दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा,'ठीक है 150 रुपये छोड़ दो लेकिन कम से कम मेरे 750 रुपये तो लौटा दो.' इस पर जज ने जवाब दिया कि पहले ही आदेश दिया जा चुका है कि जब तक अगला आदेश नहीं आता, तब तक केस से जुड़ी कोई भी चीज लौटाई नहीं जाएगी.
यानी कुलकर्णी को अभी अपने 750 रुपये के लिए और इंतजार करना पड़ेगा. कुछ लोग इसे यह संकेत भी मान रहे हैं कि कुलकर्णी ने पुलिस पर 150 रुपये हड़पने का आरोप लगाया है. कुलकर्णी ने कोर्ट से यह भी अपील की कि उन्हें कोर्ट में तीन सेकंड के लिए 'भारत माता की जय' जैसे नारे लगाने की इजाजत दी जाए लेकिन जज ने कोर्ट की मर्यादा का हवाला देते हुए उनकी मांग को ठुकरा दिया.
फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण बात साफ की कि विस्फोट में घायल लोगों की कुल तादाद 101 नहीं, बल्कि 95 है. कोर्ट के मुताबिक 6 लोगों ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करवा कर खुद को घायल बताया ताकि मुआवजा लिया जा सके. अब कोर्ट के आदेश के मुताबिक सिर्फ उन्हीं 95 लोगों को 50000 रुपये का मुआवजा मिलेगा जो सच में घायल हुए थे.