आईआईटी रुड़की की बड़ी कामयाबी! वैज्ञानिकों ने ढूंढा चिकनगुनिया का संभावित इलाज
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आईआईटी रुड़की की बड़ी कामयाबी! वैज्ञानिकों ने ढूंढा चिकनगुनिया का संभावित इलाज

आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चिकनगुनिया के इलाज के लिए एक संभावित दवा की पहचान की है. आइए इसके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें जानें.

आईआईटी रुड़की की बड़ी कामयाबी! वैज्ञानिकों ने ढूंढा चिकनगुनिया का संभावित इलाज

आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चिकनगुनिया के इलाज के लिए एक संभावित दवा की पहचान की है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि एचआईवी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा 'एफावीरेंज' (Efavirenz) चिकनगुनिया वायरस की वृद्धि को रोकने में प्रभावी हो सकती है. यह अध्ययन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा समर्थित है.

वैज्ञानिकों ने लैब में तैयार की गई सेल्स और संक्रमित चूहों पर टेस्ट करके पाया कि एफावीरेंज ने वायरस के लेवल को काफी हद तक कम कर दिया. यह दवा वायरस की रेप्लीकेशन को ब्लॉक करती है, जिससे चिकनगुनिया वायरस का प्रसार धीमा हो जाता है.

अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. संकेत नेहुल के अनुसार, एफावीरेंज वायरस के रेप्लीकेशन स्टेज में दखलंदाजी करती है, जिससे उसकी वृद्धि रुक जाती है. खास बात यह है कि यह दवा पहले से ही एचआईवी के इलाज में व्यापक रूप से उपयोग की जा रही है. ऐसे में इसे चिकनगुनिया के लिए उपयोग में लाने पर नई दवा विकसित करने की तुलना में कम समय और लागत आएगी.

सिंडबिस वायरस पर भी असरदार
वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि एफावीरेंज सिंडबिस वायरस की वृद्धि को भी रोकती है, जो चिकनगुनिया वायरस का करीबी रिश्तेदार है. यह संकेत देता है कि यह दवा चिकनगुनिया के अलावा अन्य वायरस संक्रमण के खिलाफ भी प्रभावी हो सकती है.

चिकनगुनिया का कोई विशेष इलाज नहीं है
चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है, जो संक्रमित एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलती है. इसके लक्षणों में तेज बुखार, गंभीर जोड़ दर्द, थकान और चकत्ते शामिल हैं. वर्तमान में चिकनगुनिया का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस नई खोज को अहम माना जा रहा है.

अभी और ट्रायल की जरूरत
हालांकि, आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि यह खोज चिकनगुनिया का पक्का इलाज नहीं है. अभी इस दवा की सुरक्षा और प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए क्लिनिकल ट्रायल की आवश्यकता है. यदि आगे के परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह दवा चिकनगुनिया के उपचार में एक महत्वपूर्ण ऑप्शन बन सकती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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