तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में एक विज्ञापन जारी किया गया. 'जितनी आबादी, उसका उतना हक' की बात है. खास बात ये है कि गांधी फैमिली के किसी भी शख्स की तस्वीर चस्पा नहीं है. विज्ञापन में न सोनिया गांधी हैं और न ही राहुल गांधी हैं.
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तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में एक विज्ञापन जारी किया गया. 'जितनी आबादी, उसका उतना हक' की बात है. खास बात ये है कि गांधी फैमिली के किसी भी शख्स की तस्वीर चस्पा नहीं है. विज्ञापन में न सोनिया गांधी हैं और न ही राहुल गांधी हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मुस्कुराती तस्वीर है. भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने इसी पर तंज कसा है. उन्होंने इसे कांग्रेस के 'नए युग का संकेत' बताया है.
उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर विज्ञापन को टैग करते हुए लिखा, "पहली बार किसी कांग्रेस सरकार के विज्ञापन वो भी “ जातीय जनगणना “ पे “राजमाता और युवराज” की तस्वीर गायब है. ये कांग्रेस के नए युग का संकेत??? ये ख्याल कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को उत्साहित करेगा."
तेलंगाना सरकार ने देश के प्रमुख अखबारों में शुक्रवार को एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया. इस विज्ञापन में जाति जनगणना का जिक्र है. आंकड़ों के जरिए बराबरी का मुद्दा उठाया है. टैगलाइन है- जाति जनगणना, समान अधिकारों की नींव. जितनी आबादी, उतना हक.
कुछ ज़्यादा ही उत्साहित हो गए हैं । गालियो की बौछार हो रही हैं । https://t.co/JI4d9F0oXQ
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) July 18, 2025
विज्ञापन में सरकार ने एक आंकड़े का जिक्र किया है. संकेत स्पष्ट है कि आरक्षण की सीमा 23 से बढ़ाकर 42 फीसदी की जाएगी.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने गुरुवार को ही कहा था कि राज्य सरकार 2024-25 के जाति सर्वेक्षण के आंकड़े विधानसभा में पेश करेगी, जिसमें सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का प्रावधान है. रेड्डी ने कहा, " छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, न ही कोई छिपा हुआ एजेंडा है. मेरे पास आंकड़े हैं. इसे विधानसभा के समक्ष रखा जाएगा. हम पिछड़ा वर्ग आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने के लिए एक अध्यादेश लाएंगे. राज्य के व्यापक सामाजिक, शैक्षिक, रोजगार, आर्थिक और जातिगत सर्वेक्षण ने तेलंगाना भर में विस्तृत जनसांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक आंकड़े एकत्र किए हैं."
वहीं, जब मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करने को लेकर रेड्डी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''हम इसे धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि जाति के आधार पर लागू कर रहे हैं.''
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)