सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर हमला जारी रखते हुए आगे लिखा, 'अमेरिकी कंपनियां भारत से हर साल 80 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई करती हैं, जिसमें शिक्षा, तकनीक, वित्त और बौद्धिक संपदा जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
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भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर को लेकर अब भारतीय सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर खुली चुनौती दी है.भारतीय सांसद ने एक्स पर अपना पत्र शेयर करते हुए लिखा है,'अगर 146 करोड़ भारतीय भारत में संचालित होने वाली अमेरिकी कंपनियों का बहिष्कार करें तो क्या होगा? अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के संबंध में डोनाल्ड ट्रम्प को मेरा खुला पत्र, जिसमें मैं उन्हें 'विवाद के बजाय संवाद, जबरदस्ती के बजाय समन्वय चुनने' का आग्रह करता हूं.' आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ओपन लेटर लिखा है. इस पत्र में उन्होंने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ को लेकर नाराजगी जताई है.
आप सांसद ने पत्र में लिखा, '6 अगस्त को अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया है. यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना जारी रखने के कारण उठाया गया है.उन्होंने इसे दो रणनीतिक साझेदार देशों के रिश्ते के खिलाफ बताया और कहा कि यह एकतरफा और निराशाजनक कदम है.' AAP सासंद अशोक मित्तल ने ट्रंप के बयान, जिसमें ट्रंप ने भारत को डेड इकोनॉमी कहा था, पर प्रतिक्रिया जारी रखते हुए पत्र में आगे कहा, 'आपने भारत को डेड इकोनॉमी कहा, जबकि यही भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरे स्थान पर पहुंचेगा. यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी है.
146 crore Indians boycott American companies operating in India?
My open letter to realDonaldTrump on US’s 50% tariffs for India, in which him to “choose dialogue over discord, coordination over coercion.”
Jai Hind! pic.twitter.com/rQJXv8yhiY
— Ashok Kumar Mittal DrAshokKMittalAugust 7, 2025
अगर भारत अमेरिका से व्यापार बंद कर दे तो...
आप सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर हमला जारी रखते हुए आगे लिखा, 'अमेरिकी कंपनियां भारत से हर साल 80 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई करती हैं, जिसमें शिक्षा, तकनीक, वित्त और बौद्धिक संपदा जैसे क्षेत्र शामिल हैं. भारत तीसरा सबसे बड़ा एयर ट्रांसपोर्ट मार्केट है, जहां 2022 में 2.45 अरब डॉलर के सौदे हुए थे. साथ ही, अमेरिकी डिजिटल इकोनॉमी काफी हद तक भारतीय कोड पर चलती है.
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अगर भारत स्वदेशी आंदोलन पर गंभीर हो जाए तो...
AAP सांसद ने आगे कहा कि जब अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम, पैलेडियम और केमिकल्स आयात करता है और उसका करीबी सहयोगी यूरोपीय संघ भी 67.5 अरब यूरो से ज्यादा का व्यापार रूस के साथ कर चुका है तो भारत पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव डालना दोहरे मापदंड नहीं है क्या? पत्र में उन्होंने आगे लिखा, '7 अगस्त 1905 को स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था, जिसमें विदेशी नियंत्रण के खिलाफ आर्थिक आत्मनिर्भरता की बात उठी थी. अगर आज भारत के 146 करोड़ लोग इस भावना को अपनाकर अमेरिकी कंपनियों के खिलाफ रणनीतिक कदम उठाएं, तो उसका असर कहीं ज्यादा गंभीर होगा.'
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