Jammu And Kashmir: फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में असुरक्षित मांस बड़ी कार्रवाई की है. FDA ने हाल के दिनों में कश्मीर घाटी में मटन समेत 3,500 किलोग्राम से ज़्यादा सड़ा हुआ और बिना लेबल वाला मांस ज़ब्त करके नष्ट कर दिया है.
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Jammu And Kashmir: कश्मीर भारत के सबसे ज़्यादा मटन खपत करने वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां सालाना करीब 60,000 टन मटन का आयात होता है. लेकिन दो दिन पहले 3,500 किलोग्राम से ज़्यादा सड़े हुए मटन की ज़ब्ती ने सबको चौंका दिया है. इससे जिससे कंज्यूमर्स और अपसरों में चिंताएं पैदा हो गई हैं. जम्मू और कश्मीर में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने असुरक्षित मांस खिलाफ पर अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है, और हाल के दिनों में कश्मीर घाटी में मटन समेत 3,500 किलोग्राम से ज़्यादा सड़ा हुआ और बिना लेबल वाला मांस ज़ब्त करके नष्ट कर दिया है.
दो दिन पहले एक ही छापे में 500 किलोग्राम से ज़्यादा सड़ा हुआ मटन ज़ब्त किया गया था, जिसे रेस्टोरेंट और होटलों में वितरित किया जाना था. मांस को बिना उचित रेफ्रिजरेशन या लेबलिंग के संग्रहीत किया गया था, जिससे इसकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
वहीं, दूसरे छापे में जमे हुए मांस और अनअथॉराज्ड फूड रंग से तैयार लगभग 2,500 कबाब ज़ब्त किए गए और उन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया. इसके अलावा, अनुचित भंडारण और मिलावट की आशंका के चलते 150 किलोग्राम मीटबॉल (गुश्तबा) ज़ब्त किए गए. इसके बाद, अफसरों ने घटिया भंडारण स्थितियों में पाए गए 250 किलोग्राम खराब मांस को नष्ट कर दिया. गांदरबल में दो खाद्य व्यवसाय संचालकों के परिसरों को स्वच्छता और भंडारण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में सील कर दिया गया.
छापेमारी जारी रखते हुए सड़कों और जल निकायों के पास भारी मात्रा में सड़ा हुआ मांस, जिसका वजन करीब 600-800 किलोग्राम है, जो फेंका हुआ पाया गया था. संभवतः सप्लायर्स ने बचने की कोशिश में ये किया हो. खांडे कॉलोनी, नौगाम और पास के एक अन्य स्थान पर 600-600 किलोग्राम के अतिरिक्त मांस के ढेर पाए गए. इस बीच, 350 किलोग्राम संदिग्ध मांस, जिसकी स्थिति पहले की जब्ती जैसी ही थी, सड़क किनारे छोड़ा हुआ पाया गया, जो अवैध सप्लायर्स में दहशत का संकेत देता है.
धोखेबाजों पर सख्ती बरतते हुए 31 जुलाई को सनशाइन फ़ूड्स से 1,200 किलो सड़ा हुआ और अनहेल्दी पैक किया हुआ मटन ज़ब्त किया गया. सनशाइन फ़ूड्स के व्यापारी पर अब फूड सेफ्टी एवं मानक अधिनियम के तहत मिलावट के आरोप लगे हैं. हज़ारों किलो सड़े हुए मटन की ज़ब्ती ने कश्मीर के हर कोने में, चाहे वह आम लोग हों, हेल्थ एक्सपर्ट्स, धार्मिक नेता या अधिकारी, दहशत फैला दी है.
ज़ब्त किया गया मांस, बिना पहचान के पैक किया जाता था, जो सड़ा हुआ होता था, और बिना कोल्ड-चेन लॉजिस्टिक्स के रखा जाता था. इससे वह खाने लायक नहीं रहता था. FDA कमिश्नर स्मिति सेठी ने कहा कि कुछ पैकेट इतने बदबूदार थे कि उन्हें खोला नहीं जा सकता था. जम्मू और कश्मीर के ग्रैंड मुफ़्ती, मुफ़्ती नासिर-उल-इस्लाम ने अगस्त में एक फ़तवा जारी किया था, जिसमें इस मटन और इससे बने उत्पादों जैसे मोमोज़, कबाब और अनिश्चित उत्पत्ति वाले फ्रोजन मीट के सेवन को हराम (निषिद्ध) बताया गया था. यह इस चिंता के कारण हुआ कि क्या मांस हलाल मानकों पर खरा उतरता है, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक गंभीर मुद्दा है.
ज़्यादातर सड़ा हुआ मांस दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों से आयात किया जाता था, जो बिना जांच के लखनपुर और काजीगुंड जैसी चौकियों से कश्मीर में एंट्री करता था. परिवहन और भंडारण के दौरान प्रोपर रेफ्रीजेरेशन की कमी एक आवर्ती समस्या रही है, जिससे मांस बाज़ार पहुंचने से पहले ही खराब हो जाता है. ज़ब्ती ने कश्मीरियों में व्यापक चिंता पैदा कर दी है. सीमा पर बेहतर निरीक्षण और सप्लाय चेन की पारदर्शी जांच की मांग बढ़ गई है.
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने छापेमारी तेज़ कर दी और सप्लायर्स ने पकड़े जाने से बचने के लिए बिना लेबल वाला मांस खुले इलाकों, जलाशयों और नालों में फेंकना शुरू कर दिया, जिससे जन हेल्थ और पर्यावरण को और भी ज़्यादा ख़तरा पैदा हो गया. कमिश्नर स्मिति सेठी के नेतृत्व में एफडीए ने कश्मीर के बाहर स्थित बूचड़खानों से लेकर स्थानीय वितरकों तक, सप्लाय चेन का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच शुरू की. एजेंसी दोषियों की पहचान करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ समन्वय कर रही है और मांस इंपोर्ट के लिए अनिवार्य लेबलिंग और स्रोत प्रकटीकरण सहित कड़े नियमों का वादा किया है. सनशाइन फूड्स के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 271, 275 और 61(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच आगे बढ़ने पर आगे की कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई गई है.
डायटीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि जब तक सप्लायर चेन सुरक्षित नहीं हो जाती, तब तक वे मांस खाने से बचें. एफडीए ने अपनी कार्रवाई जारी रखने का संकल्प लिया है, जिसमें नियमों का पालन न करने वाले फूड बिजनेस ऑपरेटर को सील करने और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के साथ सख्त अनुपालन लागू करने की योजना है. प्रशासन 'सड़े हुए मांस माफिया' को खत्म करने के लिए अपराध शाखा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के साथ समन्वित प्रयासों पर भी विचार कर रहा है.