Ank Jyotish: अंक ज्योतिष (Numerology) के अनुसार, जन्म तिथि का हमारे स्वभाव, सोच और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है. अंक ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो मूलांक 4 एक ऐसा अंक है, जिससे जुड़ी लड़कियां अपने विशेष स्वभाव और अद्भुत व्यक्तित्व के लिए जानी जाती हैं.
अंक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी का जन्म 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है, तो उनका मूलांक 4 होता है. इस अंक पर राहु ग्रह का प्रभाव माना जाता है, जो इन लड़कियों को खास बनाता है. आइए जानते हैं मूलांक 4 से जुड़ी लड़कियों की विशेषता, करियर, लव लाइफ और करियर की चुनौतियां.
मूलांक 4 की लड़कियां अपने दृढ़ निश्चय और आत्मबल के लिए पहचानी जाती हैं. इनमें एक अलग ही आत्मविश्वास और स्वतंत्रता की भावना होती है. ये अपने सिद्धांतों पर अडिग रहती हैं और किसी भी स्थिति में हार नहीं मानतीं. जोखिम लेने से नहीं डरतीं और किसी भी चुनौती को साहस से स्वीकार करती हैं. इस मूलांक की लड़कियां अनुशासनप्रिय, व्यवस्थित और भरोसेमंद होती हैं. साथ ही, इनमें एक जिद भी देखी जाती है, जो उन्हें लक्ष्य प्राप्ति में मदद तो करती है लेकिन कभी-कभी रिश्तों में टकराव भी ला सकती है.
मूलांक 4 की लड़कियां अपने पेशे के प्रति बेहद समर्पित होती हैं. ये जो भी जिम्मेदारी निभाती हैं, उसमें पूरी ईमानदारी और मेहनत झोंक देती हैं. फाइनेंस, मैनेजमेंट, लॉ, टेक्नोलॉजी और व्यवसाय जैसे क्षेत्र इनके लिए उपयुक्त माने जाते हैं. इसके अलावा ये टीम की बजाय अकेले काम करना ज्यादा पसंद करती हैं और लीडरशिप क्वालिटी इनमें प्रबल होती है. अंक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मूलांक 4 की लड़कियां किसी भी कठिन परिस्थिति में ये अपना फोकस नहीं खोतीं.
प्रेम के मामले में मूलांक 4 की लड़कियां वफादार, समर्पित और जुनूनी होती हैं. जब ये किसी रिश्ते में होती हैं, तो उसे पूरी गंभीरता से निभाती हैं. हालांकि, इनमें गुस्सा जल्दी आता है और कभी-कभी ज्यादा अधिकार जताने की प्रवृत्ति रिश्तों में तनाव ला सकती है. इन्हें ऐसा साथी चाहिए जो समझदार, सहनशील और भावनात्मक रूप से संतुलित हो.
राहु के प्रभाव के कारण मूलांक 4 की लड़कियों को कुछ विशेष चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मानसिक तनाव और भ्रम की स्थिति इनके जीवन का हिस्सा बन सकती है. इसके साथ ही बार-बार दिशा बदलना या निर्णयों में अस्थिरता देखने को मिलती है. स्वास्थ्य के लिहाज से इन्हें पेट संबंधी या न्यूरोलॉजिकल समस्याएं परेशान कर सकती हैं. जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत तनाव को जन्म देती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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