'कभी-भी छिड़ सकता है तीसरा वर्ल्ड वॉर, भारत में चंद लोगों के पास सारी दौलत', ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी
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'कभी-भी छिड़ सकता है तीसरा वर्ल्ड वॉर, भारत में चंद लोगों के पास सारी दौलत', ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी

Nitin Gadkari: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में विश्वयुद्ध और भारत में दौलत के विकेंद्रीकरण को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा है कि भारत में तेजी से गरीबों की तादाद बढ़ रही है.

'कभी-भी छिड़ सकता है तीसरा वर्ल्ड वॉर, भारत में चंद लोगों के पास सारी दौलत', ऐसा क्यों बोले नितिन गडकरी

Nitin Gadkari: अपने बेबाक बयानों को लेकर पहचाने जाने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में विश्वयुद्ध को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि दुनिया के अंदर तालमेल, प्रेम और शांति कम हो रही है. उन्होंने चेताते हुए कहा कि हालात ऐसे बन गए हैं कि कभी-भी विश्व युद्ध छिड़ सकता है. इसके पीछे की वजह उन्होंने कुछ महाशक्तियों की तानाशाही को बताया है. 

एक किताब के विमोचन के दौरान अपने संबोधन में गडकरी ने कहा भारत, भगवान बुद्ध की भूमि है, जो सत्य, अहिंसा और शांति का संदेश देता है. इसलिए हमें दुनिया में हो रही घटनाओं को देखकर भविष्य की नीतियों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. उन्होंने वॉर्निंग दी कि जंगों के चलते ऐसे हालात बन गए हैं कि कभी भी विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है.

बस्तियों पर गिराई जा रहीं मिसाइलें

मानवता के लिए उन्होंने कहा कि आज के युद्ध तकनीकी तौर पर बहुत आगे बढ़ गए हैं और इससे मानवता की रक्षा करना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने फिक्र जाहिर करते हुए कहा कि टैंक-लड़ाकू विमान जैसे हथियों की अहमियत बहुत कम हो गई है और अब मिसाइलें व ड्रोन जैसे हथियारों का इस्तेमाल ज्यादा होता जा रहा है. दुख की बात है कि अब मिसाइलें लोगों की बस्तियों पर भी गिराई जा रही हैं, ऐसे में हालात मुश्किल होते जा रहे हैं. 

महाशक्तियों की तानाशाही

गडकरी ने कहा,'हम सब धीरे-धीरे विनाश की तरफ बढ़ रहे हैं. महाशक्तियों की तानाशाही और हुक्मरानी की वजह से दुनिया में बातचीत, प्रेम और सौहार्द खत्म होता जा रहा है.' उन्होंने कहा कि इन मसलों पर दुनियाभर में चर्चा होनी चाहिए समय रहते कदम उठाने की जरूरत है.

भारत में बढ़ रहे गरीब

इसी कड़ी में उन्होंने भारत के हालात पर चर्चा की और कहा कि हमारे देश में समृद्धि का विकेंद्रीकरण होना जरूरी हो गया है. क्योंकि हमारे यहां गरीबों की तादाद तेजी से कम हो रही है और दौलत चंद लोगों के हाथों में सिमटती जा रही है. उन्होंने खेती, इंडस्ट्रीज, टैक्स सिस्टम और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) जैसे विषयों पर भी बात की. अपने भाषण में गडकरी ने कहा,'जिसका पेट खाली है, उसे दर्शन नहीं सिखाया जा सकता.'

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ताहिर कामरान

पत्रकारिता की रहगुज़र पर क़दम रखते हुए 2015 में एक उर्दू अख़बार से अपने सफ़र का आग़ाज़ किया. उर्दू में दिलचस्पी और अल्फ़ाज़ की मोहब्बत धीरे-धीरे पेशे में ढल गई. उर्दू के बाद हिंदी-पंजाबी अख़बारों म...और पढ़ें

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