BMC Elections: समाजवादी पार्टी के ऐलान के बाद विपक्ष की प्रतिक्रिया भी आ गई है. विपक्ष के मुताबिक अभी जो भी बयान आ रहे हैं उनका उद्देश्य समर्थकों को उत्साहित करना है जबकि असली तस्वीर चुनाव से पहले की बैठकों में साफ होगी.
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महाराष्ट्र में BMC चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लग गए. ऐसे में प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई ने कुछ ऐसा ऐलान कर दिया कि सबका ध्यान उधर ही चला गया. सपा प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी मुंबई महानगर पालिका BMC चुनाव अकेले लड़ेगी. आजमी ने कहा कि सपा 150 सीटों पर अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस चुनाव में कांग्रेस से कोई तालमेल नहीं होगा.
असल में समाजवादी का यह फैसला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि दिल्ली में सपा कांग्रेस के साथ एकदम कदम ताल मिलाकर दौड़ रही है. वह इंडिया ब्लॉक का हिस्सा भी है. इसमें कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार गुट शामिल हैं. हालांकि सपा के ऐलान के बाद एनसीपी-शरद गुट ने सपा को महा विकास अघाड़ी MVA के साथ चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है.
एनसीपी-शरद गुट के महाराष्ट्र अध्यक्ष शशिकांत शिंदे ने कहा कि सभी दल जब एक साथ बैठेंगे तभी इस पर अंतिम फैसला होगा. लेकिन सपा का स्वागत है अगर वह MVA के बैनर तले चुनाव लड़े. एनसीपी नेता रोहित पवार ने भी अबू आजमी के बयान को कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाला बताया. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले नेता अक्सर अकेले लड़ने की बात करते हैं लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं चर्चा के बाद रणनीति बदली जा सकती है.
विपक्षी एकता की परीक्षा
वैसे भी यह पहला मौका नहीं है जब सपा ने महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. 2024 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने 9 सीटों पर अकेले मुकाबला किया था जिसमें 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस बार भी BMC चुनाव में सपा का अकेले उतरने का फैसला विपक्षी एकता की परीक्षा बन सकता.