Sonia Gandhi Name in Voter List: SIR और वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस को भाजपा ने घेरते हुए पूछा है कि सोनिया गांधी जब इटली की नागरिक थीं तो फिर उनका भारत में वोटर कार्ड कैसे बन गया था?
Trending Photos
Sonia Gandhi Name in Voter List: वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष चुनाव आयोग और सरकार को घेरने की कोशिश में लगा हुआ है. बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित 'वोट चोरी' को लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर हैं. इसको लेकर अब भाजपा ने भी कांग्रेस पर जवाबी हमले किए हैं. भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और सांसद अनुराग ठाकुर ने भी जवाब में कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पलटवार करते हुए बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भारतीय नागरिक बनने से पहले ही यहां की वोटर बन गई थीं. मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया,'भारत की वोटर लिस्ट के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है. शायद यही वजह है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और SIR का विरोध करते हैं.'
मालवीय ने कहा,'सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में वोटर लिस्ट में जोड़ा गया, जबकि उस वक्त उनके पास इटली की नागरिकता थी और वह भारत की नागरिक नहीं थीं. उस समय गांधी परिवार 1 सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास पर रहता था. उस समय तक उस पते पर रजिस्टर्ड वोटर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे.'
Sonia Gandhi’s tryst with India’s voters’ list is riddled with glaring violations of electoral law. This perhaps explains Rahul Gandhi’s fondness for regularising ineligible and illegal voters, and his opposition to the Special Intensive Revision (SIR).
Her name first appeared… pic.twitter.com/upl1LM8Xhl
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 13, 2025
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की वोटर लिस्ट में 1 जनवरी 1980 को अर्हता तिथि मानकर संशोधन किया गया था. इस संशोधन के दौरान सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रमांक 388 पर जोड़ दिया गया. मालवीय ने आरोप लगाया,'यह प्रविष्टि उस कानून का स्पष्ट उल्लंघन है जो वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए भारतीय नागरिकता अनिवार्य करता है. 1982 में भारी विरोध के बाद उनका नाम हटा दिया गया लेकिन 1983 में यह फिर से जोड़ा गया.'
यह भी पढ़ें:
'48 लोकसभा सीटों पर वोटों की चोरी हुई'... राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ फिर फोड़ा 'एटम बम'
मालवीय ने बताया कि उस साल हुए नए संशोधन में सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज हुआ, जिसकी 1 जनवरी 1983 योग्यता तिथि मानी गई थी, जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को ही मिली थी. उन्होंने कहा,'सोनिया गांधी का नाम मूल नागरिकता की आवश्यकता पूरी किए बिना दो बार वोटर लिस्ट में दर्ज हुआ, पहली बार 1980 में एक इटली नागरिक के तौर पर और फिर 1983 में कानूनी रूप से भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले.' मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि राजीव गांधी से शादी करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता स्वीकार करने में 15 साल क्यों लग गए? उन्होंने अपने पोस्ट के साथ 1980 की मतदाता सूची का एक हिस्सा शेयर करते हुए पूछा,'अगर यह घोर चुनावी कदाचार नहीं है, तो और क्या है?'
दूसरी तरफ अनुराग ठाकुर ने भी कांग्रेस को घेरने की कोशिश की. ठाकुर ने दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी हार देखकर कांग्रेस और उसके सहयोगी दल झूठे आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आत्मचिंतन करने की बजाय कांग्रेस ने हर हार के बाद नया बहाना ढूंढने का काम किया. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर आरोपों के बाद भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा,'अगर किसी के नेतृत्व में 90 बार चुनाव हारने का रिकॉर्ड है तो वह राहुल गांधी का नेतृत्व है. जब चुनाव हारते हैं तो वे ईवीएम पर सवाल उठाते हैं या वोटरों को दोष देते हैं. पार्टी के अंदर भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए जाते हैं.'
(इनपुट-IANS)