कौन हैं सैमुअल जेरोम? निमिषा प्रिया को बचाने के लिए बने 'फरिश्ता'? यमन से लेकर भारत में चर्चा, सजा-ए-मौत से 1 घंटा पहले तक बच सकती है जान
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कौन हैं सैमुअल जेरोम? निमिषा प्रिया को बचाने के लिए बने 'फरिश्ता'? यमन से लेकर भारत में चर्चा, सजा-ए-मौत से 1 घंटा पहले तक बच सकती है जान

who is Samuel Jerome Baskaran? निमिषा प्रिया किसी तरह से मौत की सजा से बच जाएं. इसके लिए पूरे भारत में हर कोई दुआ कर रहा है. परिवार, भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट सबने अपनी तरफ से कोशिश कर ली है. लेकिन एक आदमी अभी भी आखिरी उम्‍मीद के साथ निमिषा को बचाने में लगा हुआ है. यह आदमी निमिषा के परिवार के लिए किसी भगवान से कम नहीं है. उसका नाम है- सैमुअल जेरोम. 

 

कौन हैं सैमुअल जेरोम? निमिषा प्रिया को बचाने के लिए बने 'फरिश्ता'? यमन से लेकर भारत में चर्चा, सजा-ए-मौत से 1 घंटा पहले तक बच सकती है जान

Samuel Jerome Baskaran Involved Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया यमन में फांसी की सजा से जाएं यही सभी दुआ कर रहे हैं. वैसे तो निमिषा प्रिया की जिंदगी जिंदगी बचाने के लिए परिवार, भारत सरकार, कई संस्‍थाएं लोग दिन रात मेहनत कर रही हैं. लेकिन निमिषा के परिवार के लिए एक आदमी जो 'भगवान' जैसे है.नाम है उसका-सैमुअल जेरोम भास्करन.

निमिषा की मां ने पावर ऑफ अटॉर्नी की ताकत सैमुअल को दिया है
निमिषा प्रिया की जिंदगी बचाने की जंग में सैमुअल जेरोम भास्करन एक अहम किरदार बनकर उभरे हैं. निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने 'ब्लड मनी' के जरिए तलाल अब्दो महदी के परिवार से बातचीत के लिए पावर ऑफ अटॉनी इन्हें ही दिया है. इन्हीं की कोशिशों ने निमिषा को फांसी से बचाने की उम्मीद को जिंदा रखा है, और अगर बात बन गई, तो फांसी के आखिरी घंटों तक उनकी जान बच सकती है.

कौन हैं सैमुअल जेरोम?
सैमुअल जेरोम भास्करन यमन में लंबे समय से रह रहे एक भारतीय नागरिक हैं. वह एक विमानन सलाहकार के तौर पर काम करते हैं और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं. निमिषा प्रिया के मामले को भारत के सामने सबसे पहले लाने वाले सैमुअल ही थे. वह 'सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल' के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. सैमुअल ने निमिषा की मां प्रेमा कुमारी को अपने घर में ठहराया है और उन्हें 'अम्मा' कहकर बुलाते हैं. उनकी कोशिशों का मकसद तलाल के परिवार को 'ब्लड मनी' के लिए मनाना और फांसी को टालना है.

निमिषा को बचाने में सैमुअल की भूमिका
सैमुअल ने यमन की जेल और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि तलाल के परिवार को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.6 करोड़ रुपये) की 'ब्लड मनी' की पेशकश की गई है. वह सना में तलाल के परिवार और कबायली नेताओं से बातचीत कर रहे हैं ताकि फांसी को कम से कम एक महीने के लिए टाला जाए. सैमुअल ने जेल प्रशासन से पुष्टि की कि फांसी का आदेश 16 जुलाई 2025 के लिए जारी हुआ है, लेकिन वह इसे स्थगित करवाने की कोशिश में हैं. उन्होंने कहा, "अगर तलाल का परिवार 'ब्लड मनी' स्वीकार कर लेता है, तो निमिषा की सजा माफ हो सकती है." सैमुअल ने यमन के धमार प्रांत के अल-बायदा में तलाल के परिवार से मिलने की योजना बनाई है. वह भारत सरकार और भारतीय दूतावास के साथ भी समन्वय कर रहे हैं, हालांकि यमन में हूती विद्रोहियों का नियंत्रण और भारत का वहां कोई दूतावास न होना उनकी कोशिशों को जटिल बना रहा है.

आखिरी घंटों की उम्मीद
सैमुअल का मानना है कि अगर तलाल का परिवार 'ब्लड मनी' पर सहमत हो जाता है, तो फांसी के आखिरी क्षणों तक निमिषा की जान बचाई जा सकती है. उन्होंने बताया कि यमनी कानून में मृतक के परिवार की सहमति के बाद फांसी को तुरंत रोका जा सकता है. सैमुअल ने ईरान के जरिए हूती विद्रोहियों से संपर्क की संभावना भी तलाशी है, क्योंकि ईरान का हूतियों के साथ अच्छा रिश्ता है.

निमिषा के लिए 'भगवान' कैसे बनें सैमुअल?
सैमुअल ने बीबीसी से कहा, "हमारे पास समय बहुत कम है, लेकिन मैं हार नहीं मान रहा. अगर तलाल का परिवार माफी दे देता है, तो निमिषा की सजा रद्द हो सकती है." उनकी कोशिशों ने निमिषा के परिवार और समर्थकों में एक छोटी सी उम्मीद जगाई है. सैमुअल की मेहनत और बातचीत के कौशल ने उन्हें निमिषा के लिए 'भगवान' की तरह बना दिया है, क्योंकि उनकी कोशिशें ही आखिरी पल में चमत्कार कर सकती हैं.

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