Balrampur Islamic Conversion: अब छांगुर और उसके गैंग के खिलाफ तमाम एजेंसियों ने घोड़े खोल दिए हैं. छांगुर के गैंग को तो जाकिर नाईक पैसे पहुंचा रहा था लेकिन आगरा में जिस धर्मांतरण के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है वो तो और भी खतरनाक निकला है. क्योंकि इसके तार PFI से लेकर पाकिस्तान तक जुड़े हैं.
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Who Is Zakir Naik: धर्मांतरण का धंधेबाज छांगुर भगोड़े जाकिर नाईक का अनुयायी निकला. ये साफ हो गया है कि बलरामपुर में जिस धर्मांतरण सिंडिकेट को छांगुर चला रहा था, उसके पीछे असली दिमाग भगोड़े जाकिर नाईक का था. यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि छांगुर को जाकिर नाईक से जुड़ी कंपनियां फंडिंग कर रही थी.
अब उन देशों के नाम जान लीजिए जहां से जाकिर नाईक के चेले छांगुर को फंडिंग हो रही थी. ये देश हैं-यूएई तुर्किए, कनाडा, अमेरिका, यूके यानी ब्रिटेन. इन सारे देशों में एक्टिव कुछ इस्लामिक संस्थाएं हिंदुस्तान के हिंदुओं का धर्मांतरण कराने के लिए छांगुर को पैसे दे रही थीं. हिंदुओं का धर्म भ्रष्ट करने की साजिश के लिए पैसे पहुंचा रही थीं. आप समझ सकते हैं हिंदुओं के धर्मांतरण को लेकर कितनी बड़ी इंटरनेशनल साज़िश चल रही थी.
छांगुर चला रहा था जाकिर नाईक का एजेंडा
इस सिंडिकेट को आस्तीन में सांप की तरह तरह पल रहा छांगुर चला रहा था. वो भारत में जाकिर नाईक का एजेंडा चला रहा था. जाकिर नाईक कौन है, वो क्या चाहता है.. इसके बारे में के बारे में ज्यादा बताने की ज़रूरत तो है नहीं. क्योंकि आपको पता होगा जाकिर नाईक वो इस्लामिक कट्टरपंथी भगोड़ा है, जो मुस्लिमों को हिंदुओं का धर्मांतरण करने के लिए उकसाता है. ज़हरीली तकरीरें करता है, छांगुर का गुरु जाकिर नाईक इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का संस्थापक है. वो पीस टीवी पर ज़हरीली तकरीरें देता था. वो आतंकी ओसामा बिन लादेन का समर्थक है, और मलेशिया में छिपा हुआ है.
हिंदुओं के धर्मांतरण वाली साज़िश सिर्फ जाकिर नाईक, छांगुर, विदेशी फंडिंग तक ही सीमित नहीं है. बलरामपुर से लेकर आगरा और अलीगढ़ तक हर रोज... किसी न किसी धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा हो रहा है. हिंदू बहुल देश में कैसे हिंदू टारगेट पर हैं. चलिए आपको बताते हैं.
#DNAWithRahulSinha | हिंदू बहुल हिंदुस्तान में हिंदुओं से साज़िश! छांगुर..भगोड़े जाकिर नाइक का 'अनुयायी' है! #DNA #ChangurBabaCase #ZakirNaik @RahulSinhaTV pic.twitter.com/nEOZWj9uiQ
— Zee News (@ZeeNews) July 21, 2025
टारगेट पर थे हिंदू
हिंदू बहुल देश हिंदुस्तान में हिंदू टारगेट पर हैं. सनातन के दुश्मनों ने हाथ मिला लिया है और उनका एक ही लक्ष्य है हिंदुओं का धर्मांतरण करना. उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाला छांगुर जाकिर नाईक का शागिर्द निकला है. यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि जाकिर नाइक की कई कंपनियां छांगुर के गिरोह को फंडिंग कर रही हैं. विदेशों से फंडिंग दिलाने में छांगुर गैंग को स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी सिमी और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PFI भी सक्रिय था.
लिहाजा छांगुर गैंग के जाकिर एंगल की जल्द ही जांच शुरू होगी. जाकिर नाइक वीडियो के जरिए लोगों का ब्रेनवॉश करता है. इस गिरोह के सदस्यों ने एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था. इसमें गायक बोलता है-
'वक्त की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है।
तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में
न समझोगे तो मिट जाओगे ए हिंदोस्तान वालों
तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में।
छांगुर हिंदुस्तान को 2047 तक गजवा-ए हिंद बनाने के टारगेट पर काम कर रहा था और इसके लिए उसने जो नापाक प्लान के 3 हिस्से थे.
पहला हिंदुस्तान में ज्यादा से ज्यादा मस्जिदों का निर्माण. दूसरा देशभर में ज्यादा से ज्यादा मदरसों की स्थापना और तीसरा जमीन कब्जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मजारें बनाई जाएं. लेकिन छांगुर और जाकिर नाईक दोनों भूल गए कि यूपी में योगी के रहते उनका सपना पूरा नहीं हो पाएगा. जैसे ही छांगुर की करतूतों का पर्दाफाश हुआ न सिर्फ उसकी गिरफ्तारी हुई बल्कि योगी फोर्स का बुलडोज़र भी चल गया.
अलर्ट पर सारी एजेंसियां
अब छांगुर और उसके गैंग के खिलाफ तमाम एजेंसियों ने घोड़े खोल दिए हैं. छांगुर के गैंग को तो जाकिर नाईक पैसे पहुंचा रहा था लेकिन आगरा में जिस धर्मांतरण के रैकेट का पर्दाफाश हुआ है वो तो और भी खतरनाक निकला है. क्योंकि इसके तार PFI से लेकर पाकिस्तान तक जुड़े हैं.
आगरा वाले धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. अब्दुल रहमान ने खुद 1990 में धर्म परिवर्तन किया था. इसके बाद वो धर्मांतरण रैकेट चलाने लगा. लोगों के बीच रहमान चाचा के नाम से जाना जाने लगा. पुलिस को अब्दुल रहमान के घर से एक लड़की मिली है, जो हरियाणा के रोहतक की है. साथ में 6 किताबें मिली हैं. 2 दिन पहले इसी गैंग के 10 लोग पकड़े गए थे, जिनमें से एक का नाम आयशा था. उसने ही अब्दुल रहमान को लेकर खुलासा किया था.
छांगुर हो या फिर अब्दुल रहमान. इनके टारगेट ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कराना था ताकि 2047 वाले गजवा-ए-हिंद का लक्ष्य हासिल किया जा सके. लेकिन अब इनके धर्मांतरण रैकेट के पर्दाफाश के बाद सनातन के दुश्मनों का बचना नामुमकिन है.