बदन पर लाल गुलाबी मटर जैसे दाने बना देती है, ये बीमारी, थोड़ी सी सावधानी करेगी आसानी
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बदन पर लाल गुलाबी मटर जैसे दाने बना देती है, ये बीमारी, थोड़ी सी सावधानी करेगी आसानी

Hives: स्किन का ठीक से ख्याल न रखा जाए, तो ये कई बीमारियों का घर बन सकता है, खासकर अर्टिकेरिया जैसी बीमारी त्वचा की सेहत को बिगाड़कर रख सकती है.

बदन पर लाल गुलाबी मटर जैसे दाने बना देती है, ये बीमारी, थोड़ी सी सावधानी करेगी आसानी

What is Urticaria: अर्टिकेरिया, जिसे आम भाषा में हाइव्स या पित्ती कहा जाता है, एक स्किन प्रॉब्लम है जिसमें त्वचा पर लाल, उभरे हुए और खुजलीदार रैशेज बन जाते हैं. ये चकत्ते आकार और आकार में अलग-अलग हो सकते हैं तथा अक्सर शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक दिखाई देते हैं. कुछ मामलों में ये चकत्ते कुछ घंटों या दिनों में अपने-आप गायब हो जाते हैं, जबकि कभी-कभी ये परेशानी लंबे समय तक बनी रहती है.

अर्टिकेरिया को दो टाइप्स में बांटा जाता है

1. एक्यूट अर्टिकेरिया (Acute Urticaria): जो 6 हफ्तों से कम वक्त तक रहती है.

2. क्रॉनिक अर्टिकेरिया (Chronic Urticaria): जो 6 हफ्तों से ज्यादा वक्त तक बनी रहती है और बार-बार होती है.
 

अर्टिकेरिया क्यों होता है?
अर्टिकेरिया का कारण त्वचा में मौजूद मास्ट सेल्स (Mast Cells) द्वारा हिस्टामिन और दूसरे केमिकल्स का ज्यादा मात्रा में रिलीज होना है. ये रसायन खून की नसों को फैलाते हैं और त्वचा में सूजन और खुजली पैदा करते हैं. इसके पीछे कई ट्रिगर कारण हो सकते हैं, जैसे:-

1. एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reaction)

2. कुछ फूड आइटम्स जैसे अंडा, नट्स, शेलफिश, स्ट्रॉबेरी, दूध वगैरह.

3. दवाइयां जैसे पेनिसिलिन, ऐस्पिरिन, कुछ एंटीबायोटिक्स.

4. कीड़े के काटने या डंक मारने से.

5. फिजिकल ट्रिगर्स

6. हद से ज्यादा गर्मी या ठंड

7. सूरज की रोशनी

8. पसीना

9. प्रेशर (टाइट कपड़े पहनना या भारी वजन उठाना)

10. वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्श

11. थायरॉयड की समस्या

12. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर

13. अनजाने कारण (Idiopathic)

कई बार इसका सटीक कारण पता नहीं चलता, खासकर क्रॉनिक मामलों में.

 

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अर्टिकेरिया के लक्षण
अर्टिकेरिया के इन इशारों को जरूर पहचानें, जैसे:-

1. लाल या गुलाबी उभरे हुए दाने: इनका आकार मटर से लेकर हथेली जितना भी हो सकता है.

2. तेज खुजली: प्रभावित स्थान पर खुजली और जलन महसूस होना.

3. त्वचा का सूज जाना: दानों के आसपास की स्किन में सूजन हो सकती है.

4. साइज में चेंजेज: रैशेज कुछ घंटों में आकार बदल सकते हैं और एक जगह से दूसरी जगह फैल सकते हैं.

5. एंजियोएडेमा (Angioedema): कुछ मामलों में त्वचा के नीचे गहरी सूजन हो सकती है, खासकर आंखों, होंठों, हाथों, पैरों या जननांगों के आसपास.

6. खतरनाक लक्षण (Emergency Symptoms): अगर अर्टिकेरिया के साथ सांस लेने में परेशानी, गले में सूजन, चक्कर या बेहोशी जैसे लक्षण हों, तो ये एनाफिलैक्सिस (Anaphylaxis) का संकेत हो सकता है, जो जानलेवा हालात है और तुरंत मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत होती है.

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अर्टिकेरिया का डायग्नोसिस (Diagnosis)
अर्टिकेरिया की पहचान आमतौर पर त्वचा के लक्षण देखकर की जाती है, लेकिन कारण पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं, जैसे:-

1. मेडिकल हिस्ट्री और फिजिकल एग्जामिनेशन: कब और कैसे दाने आते हैं, क्या कोई खास ट्रिगर है.

2. एलर्जी टेस्ट (Allergy Test): स्किन प्रिक टेस्ट या ब्लड टेस्ट से एलर्जन की पहचान.

3. ब्लड टेस्ट: थायरॉयड, इंफेक्शन या ऑटोइम्यून प्रॉब्लम की जांच के लिए ये जरूरी है.

4. फिजिकल चैलेंज टेस्ट: ठंड, गर्मी या प्रेशर के प्रभाव की जांच.
 

अर्टिकेरिया का इलाज 
इलाज का लक्ष्य लक्षणों को कम करना और ट्रिगर को रोकना होता है. इसमें शामिल हैं:-

1. ट्रिगर से बचाव

2. जिस चीज से एलर्जी होती है, उससे दूर रहना.

3. टाइट कपड़े, हद से ज्यादा गर्मी/ठंड और लंबे वक्त तक धूप से बचना.

4. दवाइयां

एंटीहिस्टामिन्स (Antihistamines): जैसे सेट्रीजिन, लोरेटाडिन, फेक्सोफेनाडिन, जो खुजली और सूजन को कम करते हैं.

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids): गंभीर मामलों में, शॉर्ट टर्म यूज के लिए.

ल्यूकोट्राइन रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स: खासतौर पर क्रॉनिक मामलों में इसका इस्तेमाल किया जाता.

बायोलॉजिक्स (Omalizumab): क्रॉनिक अर्टिकेरिया के जटिल मामलों में.

5. घरेलू उपाय

ठंडे पानी से सिंकाई

मुलायम, ढीले और कॉटन के कपड़े पहनना

त्वचा पर बिना खुशबू वाले मॉइस्चराइज़र लगाना

6. इमरजेंसी सिचुएशन में
एनाफिलैक्सिस के मामले में तुरंत एपिनेफ्रिन (Epinephrine) इंजेक्शन और इमरजेंसी मेडिकल हेल्प.
 

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बचाव के उपाय (Prevention Tips)

1. एलर्जी पैदा करने वाले फूड आइटम्स या दवाइयों से बचें.

2. स्ट्रेस को कम करें, क्योंकि स्ट्रेस भी अर्टिकेरिया को ट्रिगर कर सकता है.

3. नियमित तौर से एलर्जी की जांच कराएं, खासकर अगर परेशानी बार-बार हो रही हो.

4. शरीर को अचानक टेम्प्रेचर से बचाएं.

इन बातों को समझें
अर्टिकेरिया या हाइव्स एक कॉमन लेकिन कभी-कभी परेशान करने वाली और सीरियस स्किन प्रॉब्लम है. ज्यादातर मामलों में ये कुछ दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन क्रॉनिक कंडीशन में इसका इलाज लंबा चल सकता है. सही वक्त पर एलर्जी का कारण पहचानकर और डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाओं का इस्तेमाल करके लक्षणों को काबू किया जा सकता है. अगर अर्टिकेरिया के साथ सांस लेने में परेशानी, गले में सूजन या चक्कर जैसी समस्या हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है, क्योंकि ये जानलेवा साबित हो सकता है.

(Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)

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Shariqul Hoda शारिक़ुल होदा

ज़ी न्यूज में सीनियर सब एडिटर. हेल्थ और लाइफस्टाइल की स्टोरीज करते हैं. नेशनल, इंटरनेशनल, टेक, स्पोर्ट्स, रिलेशनशिप, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और लाइफस्टाइल का लंबा तजुर्बा है. जर्नलिज्म करियर की शुरुआत 2...और पढ़ें

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