सबसे पहले बात मेडिकल और मानसिक स्वास्थ्य की करें तो ChatGPT डॉक्टर या थैरेपिस्ट नहीं है. यह बीमारियों या मानसिक समस्याओं के बारे में सामान्य जानकारी दे सकता है, लेकिन किसी भी तरह का निदान या इलाज सुझाना इसका काम नहीं है. अगर किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी है, तो उसे सीधे किसी योग्य डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि गलत सलाह पर भरोसा करना गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.
इसी तरह वित्तीय और कानूनी मामलों में भी ChatGPT की सलाह भरोसेमंद नहीं मानी जा सकती. यह जटिल कॉन्सेप्ट्स को आसान भाषा में समझा सकता है, लेकिन व्यक्तिगत निवेश, टैक्स प्लानिंग, लोन से जुड़े फैसले या कानूनी केस में सटीक और प्रमाणित राय सिर्फ लाइसेंस प्राप्त विशेषज्ञ ही दे सकते हैं. AI पर आधारित किसी भी सुझाव को अंतिम निर्णय का आधार नहीं बनाना चाहिए.
संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी शेयर करने के मामले में भी सावधानी बेहद जरूरी है. ChatGPT पासवर्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स, आधार या पैन नंबर, क्रेडिट कार्ड की जानकारी जैसी गोपनीय सूचनाओं को सुरक्षित रखने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया है. ऐसी जानकारी शेयर करने से डेटा लीक या साइबर फ्रॉड का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए AI चैटबॉट्स में कोई भी निजी जानकारी डालना गलत है.
इसके अलावा, जीवन से जुड़े अहम फैसले जैसे करियर बदलना, शादी करना, घर खरीदना, कानूनी कार्रवाई करना या गंभीर मेडिकल ट्रीटमेंट लेना—ये ऐसे निर्णय हैं जिनमें सिर्फ AI पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. ChatGPT आपके सामने विकल्प रख सकता है, लेकिन मानव अनुभव, विशेषज्ञ की राय और परिस्थितियों की गहरी समझ इन मामलों में ज्यादा मायने रखती है.
कुल मिलाकर, ChatGPT एक बेहतरीन सहायक टूल है जो आपको विचार बनाने, जानकारी खोजने और किसी विषय को समझने में मदद करता है, लेकिन यह इंसानी विशेषज्ञता का विकल्प नहीं है. सही तरीका यही है कि इसे एक सपोर्ट सिस्टम की तरह इस्तेमाल करें, न कि अंतिम और निर्णायक सलाह के स्रोत के रूप में.
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