IAAS Ambika Raina: आज हम आपको आईएएएस अंबिका रैना की सफलता के बारे में बताएंगे, कि कैसे उन्होंने स्विट्जरलैंड में मिले काम करने के ऑफर को ठुकरा कर यूपीएससी की राह चुनी और उसमें कई असफलताओं के बाद सफलता हासिल कर आईएएएस का पद हासिल किया.
जम्मू-कश्मीर की रहने वाली अंबिका रैना ने भारत की प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की. उनके पिता, जो भारतीय सेना में एक मेजर जनरल थे, उन्होंने अंबिका के भीतर अनुशासन और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा की थी, जिस कारण वह यह मुकाम हासिल करने में सफल हो पाईं.
अंबिका की स्कूली शिक्षा उनके पिता की ट्रांसफरेबल जॉब से काफी प्रभावित थी, जिस कारण उन्हें भारत के कई राज्यों में पढ़ाई करने का मौका मिला. उन्होंने गुजरात के अहमदाबाद में सीईपीटी यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की.
सीईपीटी यूनिवर्सिटी में उन्हें अन्य कंपनियों से नौकरी के ऑफर के साथ-साथ ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड की एक कंपनी से इंटर्नशिप ऑफर भी मिला. लेकिन इन आकर्षक अवसरों के बावजूद, अंबिका ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया.
एक इंटरव्यू में, अंबिका ने अपनी यूपीएससी की स्ट्रेटजी के बारे में जानकारी साझा की थी. उन्होंने बताया कि भले ही वह अपने पहले दो प्रयासों में परीक्षा पास नहीं कर पाई, फिर भी वह अपने फैसले पर कायम रहीं और अपनी पिछली असफलताओं के पीछे के कारणों का एनालिसिस किया. मॉक टेस्ट पेपर के महत्व को समझते हुए, उन्होंने अपनी तैयारी की रणनीति में बदलाव किए.
अंबिका ने इस बात पर जोर दिया कि मॉक टेस्ट उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए उनकी तैयारी का मूल्यांकन करने की अनुमति देते हैं. इसके अलावा, उन्होंने परीक्षा की तैयारी को और बढ़ाने के प्रभावी तरीके के रूप में पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों को हल करने की सिफारिश भी की.
अंबिका ने कहा कि इंटरनेट उनके लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए एक कीमती सोर्स रहा है. उन्होंने यहां मिलने वाली नॉलेज पर फोकस करते हुए और इसके प्रभावी ढंग से उपयोग के महत्व पर जोर दिया. अंबिका के अनुसार, उम्मीदवारों को ऑनलाइन उपलब्ध पढ़ाई के रिसोर्स को फिल्टर करना और उनका उपयोग करना सीखना चाहिए.
अंबिका को अपनी तैयारी के दौरान विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा, खासकर अपनी एजुकेशनल बैकग्राउंड के कारण. आर्ट्स स्ट्रीम से पढ़ाई ना करने के कारण शुरू में उनके आत्मविश्वास पर काफी असर पड़ा.
इस पर काबू पाने के लिए, उन्होंने 100 से अधिक यूपीएससी टॉपर्स के इंटरव्यू देखे और उन पर बड़े पैमाने पर रिसर्च किया और अपनी पढ़ाई की स्ट्रेटजी तैयार की. अंबिका ने सिविल सेवा के सिलेबस, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों और पिछले टॉपर्स की आंसर कॉपी पर ध्यान केंद्रित किया.
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